छोटे-छोटे द्वीपों से मिलकर बना एक देश, जापान। 1945 में जब अमेरिका के द्वारा नुक्लेअर विस्फोट के बाद यह देश पूरी तरह तबाह हो गया था। नए अध्ययन के मुताबिक, जापान सबसे उन्नत देशों में शुमार है। इतनी जल्दी यह देश इतना विकसित कैसे हुआ यह बहुत ही दिलचस्प है। जापान की सफलता का मुख्य कारण है जापान की शिक्षा प्रणाली, उसके कुछ दिलचस्प तथ्य:
1) जापान की साक्षरता :
जापान की साक्षरता 100% है, इसका मतलब वहाँ पर सब पढाई करते हैं और सब साक्षर हैं।
2) जापानी शिक्षा प्रणाली को 4 भाग में बाँटा गया है :
6 साल की प्राथमिक शिक्षा,3 साल की जूनियर हाई स्कूल शिक्षा,3 साल की सीनियर हाई स्कूल शिक्षा,4 साल की यूनिवर्सिटी की शिक्षा 6 साल की प्राथमिक शिक्षा एवं 3 साल की जूनियर हाई स्कूल शिक्षा अनिवार्य है।
3) प्राथमिक शिक्षा में “नों होमवर्क”
छोटे बच्चों को घर पर काम करने के लिए होमवर्क नहीं मिलता। लेकिन हाई-स्कूल में आने के बाद उन्हें घर पर काम करने के लिया बहुत काम मिलता है।
4) ‘सिफुकू’ यानी स्कूल यूनिफार्म है अनिवार्य :
जूनियर हाई स्कूल तक स्टूडेंट्स को स्कूल यूनिफार्म पहननी होती है जिसे जापानी भाषा में सिफुकू (seikufu) बोलते हैं।
5) ‘क्यूशोकू’ यानी लंच सब साथ बैठ कर खाते हैं:
जूनियर हाई स्कूल तक स्टूडेंट्स को लंच अपने कक्षा में बैठ कर खाना होता है और उनके शिक्षक भी साथ में बैठ कर खाना खाते हैं। जापानी भाषा में लंच को क्यूशोकू (kyuushoku) बोलते हैं।
6) समय से और रोज़ स्कूल जाना :
जापान में छात्र कक्षा नहीं छोड़ते ना ही वे कक्षा के लिए देर से पहुँचते।
7) कोई फेल नहीं होता है :
जापान में जूनियर हाई स्कूल तक बच्चों को फेल नहीं किया जाता। उन्हें आगे की कक्षा में भेज दिया जाता है फिर चाहे उनके नंबर कितने भी काम हो। और आगे की कक्षा में ऐसे बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि वो आगे फिर से फेल न हों।
8) अच्छे शिक्षक और उनकी सैलरी :
जापान में शिक्षक बनने के लिए एक परीक्षा पास करनी होती है जिससे उन्हें शिक्षक बनने का लाइसेंस मिलता है। नव-निर्वाचित शिक्षक का मासिक वेतन 2.5 मिलियन या 2.9 मिलियन येन से शुरु होती है। ज्ञान और अनुभव के साथ-साथ यह वेतन बढ़ता जाता है और 7.8 मिलियन येन से 8.7 मिलियन येन तक पहुँच सकता है।
9) कोई सफाई कर्मचारी या चौकीदार नहीं होता स्कूल में :
जापान में स्कूल में विद्यार्थी अपनी कक्षा की सफाई खुद ही करते हैं और उनके इस काम में उनके शिक्षक बच्चों की सहायता भी करते हैं। वहाँ बच्चों को बचपन से ही स्वयं सफाई करना सिखाया जाता है ताकि वे सफाई रखना भी सीखें। यहाँ तक वो लोग अपने स्कूल के टॉयलेट्स भी खुद ही साफ़ करते हैं।
10) जापानी सभ्यता में अभिवादन :
स्कूल में बच्चों को बड़ों का सम्मान करना सिखाया जाता है। वहाँ पर सभ्यता के अनुसार उन्हें झुककर सत्कार करना सिखाते हैं। बच्चें टीचर के आते वक़्त और जाते वक़्त झुककर अभिवादन करते हैं।
11) गर्मी की छुट्टियों भी होती हैं मस्ती वाली :
40 दिन की गर्मी की छुट्टियों में स्कूल बंद होता है लेकिन फिर भी शिक्षक रोज़ स्कूल जाते हैं और स्कूल में आर्ट, साइंस, स्पोर्ट्स, जुडो, आदि गतिविधियाँ होती हैं जिसमे बच्चे अपनी मर्ज़ी से और अपनी रूचि के अनुसार भाग लेते हैं।
12) बच्चों को गलती पर कक्षा से बहार नहीं निकलते :
बच्चों को गलती या शरारत करने पर क्लास से बहार नहीं निकला जाता है। कक्षा से बहार निकलना वहाँ की शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ है।
13) अपनी मर्ज़ी से चुनते हैं विषय :
वहाँ पर बच्चों पर मिडिल स्कूल के बाद विषय चुनने का दबाव नहीं होता है। अगर बच्चे कौन सा विषय लेना है यह निर्णय नहीं ले पाते तो शिक्षक उनकी सहयता करते हैं।
वहाँ स्कूल लाइफ बहुत अच्छी और मस्ती भरी होती है। बच्चों को बचपन से ही मेहनत करना, बड़ों का आदर करना, सफाई रखना और अपना काम करना सिखाया जाता है। इन सब कारणों से जापान का विकास जल्दी हुआ है और वह एक उन्नत देश है और स्कूल लाइफ बेस्ट लाइफ है ।
प्रेषित: अध्यापक की सोच
स्रोत: Bangaya Mudda
Curriculum should be designed and transacted keeping in mind the objectives which are theirselv comes from needs and ethos of society
जवाब देंहटाएंअच्छी शिक्षा की नी है लेकिन भारत मे क्या ये हो सकता है? यहा तो मीडिया भी चिल्लाने लगता है कि बच्चे से सफाई करवाई जा रही है । सब अनपढ़ यहॉ ।
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