सोमवार, 13 नवंबर 2017

बाल दिवस

किसी ने सच ही कहा है-
बच्चे भगवान का रूप होते हैं।

उनके मन में मैल या कपट नहीं होता है। वे सभी से निश्छल प्रेम करते हैं और बड़ों के दिए गए संस्कारों का पालन करते हैं। अपनी इसी निर्दोष वृति के कारण बच्चे लगभग सभी का मन मोह लेते हैं। और इन्ही प्यारे बच्चों को समर्पित होता है – बाल दिवस या Children’s Day.
Children's Day Speech & Essay in Hindiबाल दिवस यानी बच्चों का दिन… एक ऐसा दिन जो सिर्फ बच्चों के लिए समर्पित है। यह दिन ख़ास है क्योंकि ये उन नौनिहालों का दिन है जो कल देश का भविष्य बनेंगे। इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों, संरक्षण व शिक्षा को बढ़ावा देना है।
बाल दिवस पूरे भारत में 14 नवम्बर को मनाया जाता है। भारत के पहले प्रधानमन्त्री पंडित जवाहरलाल नेहरु को बच्चे अत्यंत प्रिय थे और साथ ही बच्चों को भी पंडित नेहरु भी बहुत भाते थे। बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरु कह कर पुकारते थे। अतः जब 27 मई  1964 को पंडित नेहरु का देहांत हो गया तब सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि उनके जन्मदिन – चौदह नवम्बर को ही “बाल दिवस” के रूप में मनाया जाएगा।
पंडित नेहरु का बच्चों से विशेष लगाओ उनके द्वारा अक्सर कहे जाने वाले इस कथन में दिखता है-
बच्चों का पालनपोषण सावधानी व प्रेमपूर्वक किया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश का भविष्य और कल के नागरिक हैं.

बाल दिवस का इतिहास


यह हमारे लिए गर्व की बात है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिल्ड्रेन्स डे मनाने का प्रस्ताव पहली बार भारत के पूर्व रक्षा मंत्री  श्री वी के कृष्ण मेनन द्वारा दिया गया था। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा 20 नवम्बर 1959 को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस (International Children’s Day) मनाने का निश्चय किया गया। चूँकि यह दिन बच्चों, जो किसी भी देश का भविष्य होते हैं, के कल्याण से जुड़ा था; अतः विश्व के सभी देशों ने इसे सहर्ष अपनाया और जल्द ही यह दिवस विश्वस्तर पर मनाया जाने लगा।

💡 1964 से पहले भारत में भी बाल दिवस 20 नवम्बर को ही मनाया जाता था।

बाल दिवस के मौके पर भिन्न-भिन्न राजकीय कार्यक्रम


इस दिवस पर जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि देने के लिए कैबिनेट मंत्री गण, देश के अन्य उच्च अधिकारी व बच्चे नेहरू जी की समाधी  “शांतिवन” पर उन्हें नमन कर उनके चरणों में श्रद्धापुष्प अर्पित करते हैं। और उसके बाद जवारलाल नेहरू जी के विश्वशांति और भारतीय राजनीति के लिए दिये गए अभूतपूर्व योगदान के लिए सम्मान जताते हुए भजन और प्रार्थना का आयोजन किया जाता है।

बाल दिवस पर स्कूल का माहौल


बाल दिन के अवसर पर देश भर के स्कूल में विभिन्न कार्यक्र्म आयोजित किए जाते हैं। यह सारे रंगारंग कार्यक्रम विशेष आकर्षण उत्पन्न करते हैं। इस भव्य महोत्सव में विद्यार्थी-
  • देशभक्ति गीत
  • नाटक
  • डांस
  • वक्तृत्व भाषण
  • फैशन शो
  • निबंध लेखन
  • आदि
कलाओं का प्रदर्शन करते हैं। बाल दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले उत्साही बालक-बालिकाओं को स्कूल प्रशासन द्वारा उचित पुरस्कार प्रदान कर  प्रोत्साहित किया जाता है।

गरीब बच्चों के लिए बाल दिवस का महत्व


बाल दिवस समाज के उपेक्षित बच्चों के लिए किसी त्यौहार से कम नहीं होता है। चूँकि इस दिवस पर कई सामाजिक संस्थाओं और प्रशाशन द्वारा कई जगहों पर गरीब वर्ग के बच्चों के लिए विशेष उपहार वितरण का आयोजन किया जाता है। इस दिन पर बच्चों को नयी किताब, कपड़े और खिलौने और उनकी ज़रूरत की अन्य चीज़ें दिला कर उनका दिल जीता जाता है।
गरीब, असहाय बच्चों को उनका बचपन दिलान की दिशा में नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाले कैलाश सत्यार्थी का काम उल्लेखनीय है। उन्होंने
मैं ऐसी दुनिया का ख्वाब देखता हूँ जहाँ बाल श्रम ना हो, एक ऐसी दुनिया जिसमे हर बच्चा स्कूल जाता हो। एक दुनिया जहाँ हर बच्चे को उसका अधिकार मिले।

बाल दिवस पर मीडिया का रुझान

इस कल्याणकारी अवसर पर टेलीविज़न और रेडियो पर आकर्षक कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं। जिनमें चाइल्ड वेलफेयर और चाइल्ड राइट्स से जुड़े अन्य मुद्दों को उजागर किया जाता है। इनके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू जीवन चरित्र और उनके समाज कल्याण कार्यों से जुड़े कार्यक्रम भी दर्शाये और सुनाये जाते हैं। इंटरनेट और समाचार पत्रों पर भी बाल दिवस से जुड़े लेख पब्लिश होते हैं। इस मौके पर कई राजनेता टीवी और अखबार में अपने इंटरव्यू दे कर बाल दिवस पर अपने विचार व्यक्त करते हैं। और बाल कल्याण के लिए सरकार की भावी योजनाओं की चर्चा करते हैं।
💡 भारत की तरह ही कई अन्य देशों में भी बाल दिवस 20 नवम्बर की जगह किसी और दिन मनाया जाता है. जैसे कि- दक्षिण कोरिया में 5 मई को,तुर्की में 23 अप्रैल को, इत्यादि।

बाल दिवस पर आप बच्चों के लिए ज़रूर कुछ करें


हम सभी कभी न कभी बच्चे होते हैं, इसलिए इस दिन को विशेष महत्त्व दें और निम्नलिखित चीजें करने का प्रयास करें-
  • बच्चों का दिल ना दुखाएं।
  • बच्चों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों से अवगत कराएं।
  • किसी गरीब-ज़रूरतमंद बच्चे को कुछ तोहफ़ा दे कर उसके चेहरे पर मुस्कान लाएँ।
  • बच्चों को बाल दिवस का गौरवपूर्ण इतिहास बताएं।
  • बाल दिवस अवसर पर स्कूल में होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें।
  • किसी भी जगह पर बच्चों के साथ अन्याय अथवा दुराचार हो रहा है तो उस बात की खबर सार्वजनिक कर दें और पुलिस प्रशासन को भी सूचित करें।
  • यह प्राण लें कि किसी कम उम्र के बच्चे को काम पर गा कर उसका बचपन बर्बाद नहीं करेंगे।

बाल दिवस पर माता-पिता का कर्तव्य


इस भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में कई अभिभावक अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते। इसलिए बाल-दिवस के दिन जानबूझ कर बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय बिताएं। संभव हो तो इस इस ख़ास दिन पर अपने बच्चों को आकर्षक पर्यटन स्थल पर घूमने फिरने या शहर के ही अच्छे पार्क में ले जाएं। आप उन्हें बच्चों की मूवी भी दिखा सकते हैं और उनकी पसंदीदा चीजें भी खिला सकते हैं। साथ ही आप इस दिन उनकी कोई पुराने डिमांड पूरी कर उनके चेहरे पर मुस्कान बिखेर सकते हैं।

बाल दिवस पर आम नागरिक और प्रशासन का कर्तव्य


लोकशाही अर्थव्यवस्था में देश के नागरिक मतदान कर के सरकार का चुनाव करते हैं। यानी की देश को चलाने वाले लीडर हम आम नागरिक द्वारा ही चुने गए होते हैं। हमारे देश में बच्चों के विकास के लिए क्या कार्य किए जा रहे हैं। और क्या विषेश अवकाश है, इस बात पर चिंतन करना चाहिए। और अगर बाल विकास से जुड़ी कोई उपयोगी योजना का प्रयोजन बने तो समूह बना कर प्रशासन के सामने विधिवत प्रस्ताव रखना चाहिए। देश के प्रशासन को नागरिकों द्वारा दिये गए प्रस्ताव पर उचित विचारविमश कर के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए उत्साहपूर्वक कार्य करने चाहिए।
मित्रों, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति हर्बर्ट हूवर ने कहा था-
बच्चे हमारे सबसे मूल्यवान प्राकृतिक संसाधन हैं।
हमारा कर्तव्य है कि हम भगवान की इन अनमोल भेंट को प्रेमपूर्वक संभालें और उनके कल्याण के लिए हर सम्भव कदम उठाएं। चलिए हम  हर दिन बाल दिवस मनाएं!
Thanks: अच्छी खबर डॉट कॉम (साभार)
प्रस्तुति : अध्यापक की सोच

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