मंगलवार, 2 जून 2020

My new article

https://adhyapakkisoch.wordpress.com/2020/05/28/%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%9a-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a1%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%87%e0%a4%9c-%e0%a4%ab%e0%a5%80%e0%a4%af%e0%a4%b0/

मंगलवार, 19 मई 2020

भय या फिर शिक्षण

एक दिन स्टाफ रूम में बैठे हुए प्रथम विश्वयुद्ध के कारणों का विश्लेषण करने में तल्लीन था कि सहसा मेरे सामने वाले मेज पर कुछ गिरने की आवाज़ ने मुझे विचलित कर दिया। मैंने नज़र उठा के देखा तो मैडम ने अपनी किताब जोर से पटक दी थी। उनका चेहरा उतरा हुआ था। हाँ, गुस्सा जरूर था उनके अन्दर लेकिन उससे कहीं ज्यादा उनकी परेशानी उनके चेहरे से झलक रही थी। मैं उनके इस व्याकुल चेहरे को पढ़ने की कोशिश कर ही रहा था कि उन्होंने बड़े व्यथित मन से मुझसे एक प्रश्न पूछा, ‘ सर ! बच्चे मुझसे डरते क्यों नहीं हैं ?’ 
मैं सारा मामला समझ चुका था। मैडम को लगता था कि बच्चे उनकी कक्षा में शान्त नहीं रहते, शरारत करते हैं, हूटिंग करते हैं या फिर उनकी बातों को गम्भीरता से नहीं लेते तो इसमें कसूर उनके डील-डौल का है। दरअसल मैडम कद में औसत से थोड़ी छोटी, थोड़ा दुबली थीं। और फिर अभी अभी तो एम.एससी. कर के आई थीं। यानी वे स्‍वयं विद्यार्थी नजर आती थीं। 

मैंने मुस्कुराते हुए मैडम के प्रश्न को स्वीकार किया और उन्हें पीने को ठण्डा पानी दिया। वे  अब मुझ पर झल्ला पड़ीं,  ‘मुझे बच्चों को हैंडल करना मुश्किल हो रहा है और आप मुस्कुरा रहे हैं?’ 

दरअसल मैं इसलिए मुस्कुरा रहा था क्योंकि ये वही बच्चे थे जो मेरी क्लास में पढ़ने के लिए बैचैन रहते थे। मैंने मैडम से कहा कि मेरे पास एक समाधान है जो मैं आपको कल बताऊँगा। ऐसा कहकर मैंने उनकी व्यथा को थोड़ा कम करने का प्रयास किया।

घर जाकर मैंने इस बारे में मंथन किया। अगर वो बच्चे सच में इतने नटखट होते तो मुझे भी परेशान करते। तो आखिर समस्या कहाँ थी ?क्या शिक्षक बच्चों को डराने के लिए नियुक्त किया जाता है? या फिर पढ़ाने के लिए?

आज तक एक आम शिक्षक की मानसिकता यही बनी हुई है कि जितना बच्चे हमसे डरेंगे हम उतना उन पर प्रभुत्व स्थापित कर सकते हैं। परन्तु यह तो तानाशाही है। यही कारण है कि गणित, विज्ञान और अंग्रेजी जैसे आसान और रुचिकर विषयों से भी विद्यार्थी दूर भागते हैं। क्योंकि इन्‍हें पढ़ाने वाले कई शिक्षक खुद को विशेषाधिकार प्राप्त मानते हैं कि वे जितना कठोर होंगे उनकी पहचान उतनी अलग होगी। मैंने खुद अपने विद्यार्थी जीवन में देखा है कि जो गुरु जी बहुत ज्यादा मारते हैं, उनमें से अधिकांश इन तीन विषयों के अध्यापक ही होते थे। दूसरे विषयों को आसान मानकर गुरु जी बिना मारे ही पाठ्यक्रम पूरा कर दिया करते थे।

बच्चे के मन में अध्यापक के प्रति बैठा हुआ डर उसे गलतियाँ करने से रोकता है। लेकिन जब तक वे गलतियाँ नहीं करेंगे वे ठीक से सीख नहीं सकते। लेकिन इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि यदि बच्चे आपसे बिल्कुल नहीं डरते तो वे सब कुछ सीख जाएँगे। यदि आपके शिक्षण में नीरसता है, आनन्द का अभाव है, कुछ भी नया नहीं है, सब कुछ बासी है तो बच्चे वही करेंगे जो मैडम की क्लास में किया था। या तो वे सोयेंगे या खोएँगे । यदि आप उनको यह भी नहीं करने देंगे, तो वे बाते करेंगे, हूटिंग करेंगे और आपके डाँटने पर हो सकता है अभद्र व्यव्हार भी करने लगें। यदि आप पाठ को रुचिकर बनाना जानते हैं तो आपकी उम्र क्या है, आपकी योग्यता क्या है, आप शारीरिक रूप से कितने बलवान हैं, कैसे दिखते हैं – कोई फर्क नहीं पड़ता। बच्चे आपकी हर बात सुनेंगे, समझेंगे और इतना ही नहीं, हमेशा याद भी रखेंगे।
बालमन बहुत चंचल होता है, हमेशा रुचिकर चीजों की ओर ही भागता है। एक बार मैंने एक विद्यार्थी की रफ कॉपी अचानक उठा ली तो वह सहम गया। मुझे यह समझते देर न लगी कि कॉपी में जरूर कुछ असामान्य है। देखा तो कॉपी के पीछे के पन्नों में बहुत ही खूबसूरती से कार्टून बनाए हुए थे। बारीकी इतनी, मानो प्रिंटेड हों।
मैंने उसे खड़े होने को कहा और शाबाशी दी। उसका चेहरा खिल उठा। शायद उसने सोचा था की मार पड़ेगी लेकिन हुआ एकदम विपरीत। अक्सर शिक्षक बच्चों को कॉपी के पीछे कुछ भी लिखे होने पर दण्ड देते हैं। परन्तु मेरा यह अवलोकन रहा है कि बच्चों की वास्तविक प्रतिभा इन्हीं रफ और पीछे के पन्नों पर देखने को मिलती है। यदि बच्चा कुछ सीख रहा है तो क्या फर्क पड़ता कि वह रफ कॉपी है या फेयर।


यदि बच्चों को इन पन्नों पर कुछ उकेरने के लिए डराया जाएगा तो वे अपनी कल्पना को मूर्त रुप कहाँ पर देंगे?

कहने का आशय यह है कि डर चाहे अध्यापक के प्रति हो, विषय के प्रति हो, गृहकार्य के प्रति हो या फिर परिणाम के प्रति, बच्चे को सीखने से रोकता है। अध्यापक का सौहार्दपूर्ण व्यवहार, रुचिकर पुस्तकें, विनोदपरक गृहकार्य बच्चे को पढ़ने, लिखने और सीखने के लिए पुनर्बलन प्रदान करता है। अतः स्वयं को जितना सरल और मधुर बना सकें बनाने का प्रयत्न करें, यह भी शिक्षा व्यवस्था में एक योगदान होगा।


पंकज यादव,अज़ीम प्रेमजी फाउण्‍डेशन, पौड़ी, उत्‍तराखण्‍ड  चित्र : प्रशांत सोनी

प्रेषित
Adhyapak ki Soch

कुशल प्रधानाचार्य बनोगे?

दोस्तों, जब कभी भी आपकी अपने प्रधानाचार्य के साथ नहीं पटती तो मन में कई तरह के विचार आते हैं। कभी-कभी यह भी विचार आता है कि यदि मैं प्रधानाचार्य होता तो मैं क्या करता?
चलो आज हम यही विश्लेषण करते हैं कि एक प्रधानाचार्य को कैसा होना चाहिए?
उसका व्यवहार कैसा हो?
और वह अपने पूरे स्टाफ का दिल कैसे जीते?
पहले हम आम तौर पर यह सोचें कि एक प्रधानाचार्य को किस तरह के कार्य स्कूल में होते हैं? एक प्रधानाचार्य को अपने स्टाफ मेंबर्स को कार्य सौंपना, उन पर नियंत्रण रखना और कई महत्वपूर्ण निर्णय लेना, इत्यादि ये जिम्मेदारियां होती हैं। यदि आप लोगों का प्रबंधन करते हैं, इसका मतलब है कि आप कुशल हैं और ऐसा करने में सक्षम है। एक प्रधानाचार्य होना बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है, आपको लोगों का प्रबंधन करना है। यह बहुत जरूरी है कि जो लोग आपके साथ काम कर रहे हैं उन्हें आपके निर्णय से संतुष्ट होना चाहिए। और यह भी जरूरी है कि आपको टीम के सदस्यों को भी सुनना चाहिए और एक रिश्ता स्थापित करना चाहिए। हम अपने कर्मचारियों और सहकर्मियों के साथ अपने जीवन का लगभग एक तिहाई समय बिताते हैं, इसलिए ऐसे माहौल को बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए जो हमारे टीम के सदस्यों को प्रोत्साहित करे। हेनरी ए. किसिंजर की एक बात मुझे याद आ रही है। उन्होंने कहा था –
एक लीडर का काम, उन लोगो को वहाँ तक पहुंचना है जहां वो नहीं पहुंच पा रहे हैं।
इसके अलावा स्कूल प्रधानाचार्य के पास कुछ गुण ऐसे भी होने चाहिए जो अन्य सहकर्मियों से अलग हो।
यह जरूरी नहीं है कि जो भी कार्य प्रधानाचार्य अपने सहकर्मियों को देता है, वह कार्य उसे पूरी तरह से आता हो। इसलिए प्रधानाचार्य को चाहिए कि वह ऐसे दो व्यक्तियों को इकट्ठा काम दे, जिनमें से एक व्यक्ति को काम आता है और दूसरे को बिल्कुल नहीं आता। जिस कर्मचारी को काम आता है उसका नैतिक कर्तव्य है कि वह ऐसे व्यक्ति को काम सिखाएं जिसे वो काम नहीं करना आता जो प्रधानाचार्य महोदय ने दिया है। जब दूसरा व्यक्ति काम सीख जाए तब उससे एक प्रमाण पत्र लिया जाए जिसमें लिखा हो कि अब वह व्यक्ति इस काम को करने में सक्षम है। जब अगली बार वही कार्य आएगा तब आप उस व्यक्ति को वह कार्य दे सकते हैं जिसने यह प्रमाण पत्र दिया था कि मैं इस कार्य को करने में अब पूरी तरह से सक्षम हूं। यदि ऐसा कार्य हो जो सहकर्मियों को बिल्कुल नहीं आता तो यह प्रधानाचर्य की ज़िम्मेदारी है कि आपको नए अपडेट के लिए कोचिंग देना होगा कि वे उस कार्य को कैसे करें।
एक प्रधानाचर्य को अपनी टीम के सदस्य के बारे में परवाह करना चाहिए। आपकी टीम के सदस्यों को आपके काम करने और टीम के प्रबंधन के तरीके से संतुष्ट होना चाहिए। यदि आपकी टीम का कोई सदस्य किसी संस्थागत कार्य को अद्भुत या अनोखे तरीके से करे, जिसके बारे में आपने कभी नहीं सोचा हो ; तब आपको चाहिए कि स्टाफ मीटिंग के दौरान उस व्यक्ति की छुपी हुई प्रतिभा को आप सबके समक्ष रखें। उस व्यक्ति को प्रेरित करें कि वह बाकी टीम के सदस्यों को भी इस तरह से कोचिंग दें। ताकि जैसा काम वह कर रहा है वैसा काम पूरी टीम करें। इससे आपकी संस्था प्रगति करेगी। इससे टीम के वो सदस्य अच्छा महसूस करते हैं। और अपने कार्य को आउट भी अच्छे तरीके से करने की कोशिश करेंगे।
आपकी टीम आप पर विश्वास करती है, इसलिए यह आपकी ज़िम्मेदारी है कि आपको अपनी टीम को सभी चीजों और आपके कार्यालय में होने वाले बदलावों के बारे में सूचित करें। स्टाफ के सभी सदस्यों से स्टाफ मीटिंग में अपने विचार शेयर करें, और चापलूसों से दूरी बना कर रखें। क्योंकि हर संस्था में दो तरह के व्यक्ति होते हैं एक वो जो चुपचाप अपना कार्य करते रहते हैं और जो भी कार्य आप उन्हें देते हो वो कार्य निश्चित समय अवधि के भीतर पूरा कर देते हैं लेकिन कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जो संस्था में यहां की बात वहां और वहां की बात यहां करते हैं। एक प्रधानाचार्य को चाहिए कि इस तरह के व्यक्तियों से दूरी बनाकर रखें। यदि आप सभी व्यक्तियों को एक दृष्टि से देखें तो सभी सहकर्मी आपकी इज्जत करेंगे।
यदि आप एक बॉस हैं, तो आपको लगातार अपने कौशल विकसित करने होंगे। जो भी कार्य आप अपने सहकर्मियों को देते हैं उसमें आप भी कुशल होने चाहिए ताकि यदि सहकर्मी आपसे सहायता मांगे तो आप टीम लीडर कि भांति उन्हें गाइड करें।
यदि आपकी टीम के सदस्य को कार्य पूरा करने में किसी भी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है तो आपके पास उनकी सहायता करने के लिए समाधान होना चाहिए। इसलिए आपके पास असाइन करने वाले काम के बारे में पूरा ज्ञान होना चाहिए। इससे आपकी छवि आपके सहकर्मियों के सामने पॉजिटिव रहेगी। आपको हमेशा अपनी और आपकी टीम की मदद करने के लिए हमेशा नई तकनीकों को सीखना चाहिए।
अपने कर्मक्षेत्र में परिवार का मुख्य बनना एक कठिन काम है। टीम में विभिन्न लोगों को संभालना मुश्किल भी होता है क्योंकि प्रत्येक सहकर्मी के पास अलग-अलग सोच और काम का तरीका होता है। इसलिए प्रधानाचर्य को अपनी टीम के सदस्यों को संभालने के लिए एक योजना बनानी चाहिए ताकि टीम के सदस्य आपके काम के तरीके से संतुष्ट हों और पूर्ण रुचि के साथ काम करें। यदि आप टीम लीडर हैं तो आपको अपने सभी टीम के सदस्यों की देखभाल भी करनी होगी।
स्कूल में प्रधानाचर्य होने का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि आपको अपनी टीम में विश्वास का बंधन बनाना होगा ताकि प्रत्येक कर्मचारी दूसरों पर और आपके ऊपर भी विश्वास कर सके। यदि आप अपने स्टाफ को बहुत अच्छी तरह से जानते हो तो किसी भी सहकर्मी की व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। टीम के सदस्यों की बुराई पीठ पीछे ना करें। जो भी कहना है वह उस व्यक्ति के सामने कहें। यदि आप जानते हैं कि आपकी टीम के सदस्य को किसी भी तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो उनसे एक परिवार के मुख्य की तरह उन्हें पूछें कि क्या वे ठीक हैं या उन्हें किसी मदद की ज़रूरत तो नहीं। ऐसा करने से एक दूसरे के प्रति विश्वास का बंधन और मजबूत होगा।
एक लोकप्रिय नीति के अनुसार एक व्यक्ति जब खुद को प्रेरित महसूस करता है तो वह हमेशा अपेक्षा से अधिक काम करेगा। परिवार का मुखिया होने के नाते आपको अपने सभी परिवार के सदस्यों को हमेशा अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित करना होगा। किसी व्यक्ति को प्रेरित करना, यह एक अच्छी आदत है जो एक प्रधानाचार्य में हमेशा ही होनी चाहिए। टीम लीडर होने के नाते हमेशा अपने ज्ञान और अनुभव को टीम के साथ साझा करें, इससे आपकी स्कूल टीम सफलता के नए आयाम स्थापित करेगी।
आपको अपनी स्टाफ मेंबर्स के सदस्यों के काम करने का तरीका बदलने की कोशिश कभी नहीं करनी चाहिए। इससे उन पर आपके बारे में बुरा असर पड़ेगा। समय की मांग के अनुसार, नए तरह के काम को खोजने का प्रयास करें जिससे सभी लोग सहमत हों। और कुछ नए सुझाव देने के लिए टीम के सदस्यों को स्वतंत्रता दें, सकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों को आगे आने दें । नकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों की अलग से मीटिंग करवाएं, तथा उनकी सोच सकारात्मक बनाने की कोशिश करें। इससे आपको सफलता प्राप्त करने में मदद मिलेगी। यह संभव नहीं है कि आप हमेशा सही हों, हर किसी को अपने विचार व्यक्त करने का मौका दें।
जब आप प्रधानाचार्य नहीं थे तो आपको मालूम है कि हर कोई एक ही काम और दिनचर्या के साथ बोर हो जाता है। तो हमेशा अपनी टीम के बीच अलग-अलग और कुछ नया करने की कोशिश करें। उन्हें चैलेंजिंग असाइनमेंट दें। यदि टीम का कोई सदस्य ओवरलोडेड है तो उसका लोड कम करने की कोशिश करें। या ऐसी योजना बनाएं जिससे काम के दबाव को कम करने और दैनिक दिनचर्या में बदलाव करने में मदद हो। ऐसी स्थितियां आपको और आपके टीम के सदस्यों को काम की दिशा में ऊर्जावान बनाए रखेगी।
ये मेरे निजी विचार हैं जो आपको सर्वश्रेष्ठ बॉस बनने में मदद कर सकते हैं। अपनी ईगो को कर्मक्षेत्र में न आने दें। खुद को दूसरों की नजरों से देखने की आदत विकसित करें। सोचें कि आप दूसरों के साथ जैसा व्यवहार करते हैं क्या अपने लिए भी पसंद करेंगे?
मेरे जीवन में बहुत से प्रधानाचार्य आए , और में उनसे प्रभावित भी हुआ। इन बारे में, मैं अपने अगले आर्टिकल में लिखूंगा।
नमस्कार🙏🏻
मनीष कपूर
प्रवक्ता अर्थशास्त्र

बुधवार, 11 दिसंबर 2019

गणित शिक्षण

संख्या-चार्ट और उससे संबंधित रोचक गतिविधियां





संख्या-चार्ट और संबंधित गतिविधियां-चार्ट गणित पढ़ाने का एक बहुमुखी उपकरण है। इसका उपयोग संख्या पैटर्न , संख्याओं के आपसी संबंध , संक्रियाएँ और समस्या समाधान से संबंधित गतिविधियां आदि पर कक्षा 1 से कक्षा 5 के बच्चों के साथ कार्य किया जा सकता है। संख्या-चार्ट की गतिविधियां बच्चों में संख्या-बोध के विकास में मदद करती हैं और इन गतिविधियों को कक्षा में व्यक्तिगत रूप से , छोटे – छोटे समूहों में या पूरी कक्षा के साथ कराया जा सकता है। साथ ही शिक्षक बच्चों को इनके अतिरिक्त अन्य गतिविधियाँ सोचने के लिए भी प्रेरित कर सकते हैं। चित्र में 0 – 99 तक की संख्याओं का एक संख्या-चार्ट दिखाया गया है। इस चार्ट की मदद से नीचे दी गयी गतिविधियां करायी जा सकती हैं।
1. विशेष संख्याएं : यह गतिविधि बच्चों को संख्या-चार्ट से परिचित कराने में मदद करती है। बच्चे संख्या-चार्ट पर कंकड़ की मदद से पाँच से दस संख्याओं को चिन्हांकित करते हैं और अपने साथी को कि ये संख्याएं उनके लिए विशेष क्यों हैं।
• मेरी उम्र
• मेरी जन्म तारीख
• मेरे परिवार में सदस्यों की संख्या
• मेरी प्रिय संख्या
• मेरी कक्षा में बच्चों की संख्या
• मेरे विद्यालय में शिक्षकों की संख्या
• मेरे गाँव में घरों की संख्या
• मेरे गाँव की शहर से दूरी
2. चित्र बनाएं : यह गतिविधि संख्या-चार्ट के ज्ञान को पुष्ट कर बच्चों को पैटर्न को चित्र रूप में देखने में मदद करती है। जैसे , आप एक-एक कर नीचे दी गयी संख्याएं बोलते हैं और बच्चे उन संख्याओं पर कंकड़ रखते जाते हैं :
1 , 71 , 17 , 53 , 44 , 35 , 34 , 8 , 78 , 12 , 67 , 23 , 45 , 62 , 26 , 56
संख्या बोलना खत्म करने से पहले बच्चों से पूछें कि उन्हें कौन सा चित्र नजर आ रहा है। यदि बच्चे चित्र पहचान लें तो उन्हें आगे की संख्याएं बताने को कहें जिससे चित्र पूरा किया जा सके।
3. पड़ोसी संख्या ढूंढना : यह गतिविधि बच्चे के संख्या-चार्ट के ज्ञान को पुष्ट करने में सहायक होती है। बच्चे एक खाली संख्या-चार्ट का उपयोग करेंगे। एक बच्चा 0 – 99 के बीच कोई एक संख्या चुननेगा । अन्य बच्चे खाली-चार्ट में उस संख्या को सही जगह पर लिखेंगे। इसके पश्चात वे उस संख्या की सभी पड़ोसी संख्याएं लिखेंगे।संख्या-चार्ट पर पड़ोसी-संख्या वह संख्या है जो चुनी गयी संख्या से एक कम , एक अधिक , दस कम और दस अधिक होती है। अलग-अलग बच्चों को संख्या चुनने का मौका देते हुए संख्या-चार्ट के पूरा भरने तक इस गतिविधि को कराया जाए।
4. नाम का पैटर्न : यह गतिविधि बच्चों को विभिन्न प्रकार के संख्या-पैटर्न और संख्या- संबंधों से परिचय कराने के साथ-साथ गुणा की संक्रिया का एक आधार भी तैयार करती है। । इसके लिए बच्चे एक खाली संख्या-चार्ट का उपयोग करते हैं। बच्चे चार्ट में अपना नाम लिखेंगे , हर बॉक्स में एक अक्षर , जब तक की चार्ट पूरी तरह से न भर जाए। अब बच्चे अपने नाम के पहले अक्षर (चार्ट में जहाँ-जहाँ भी आये हैं) को शेड करेंगे , इस प्रकार उन्हें एक पैटर्न मिलेगा। बच्चे कक्षा में दूसरे बच्चों को ढूँढेंगे जिनका पैटर्न उसके पैटर्न के समान हो । समान पैटर्न के बच्चे एक साथ बैठकर अपने पैटर्न के बारे में चर्चा करेंगे । इस प्रकार के प्राप्त पैटर्न 2 , 3 , 4 , 5 , 6 , 7 आदि के गुणज होंगे जो बच्चों के नाम में अक्षरों की संख्या पर निर्भर करेगा।
5. संख्या पैटर्न : यह गतिविधि बच्चों को विभिन्न प्रकार के संख्या-पैटर्न और संख्या- संबंधों से परिचय कराने के साथ-साथ गुणा की संक्रिया का एक आधार भी तैयार करती है।
• बच्चों से कहें कि वे उन सभी संख्याओं पर कंकड़ रखें जिनके इकाई या दहाई के स्थान पर 3 आता है। बच्चों को संख्या पैटर्न या संख्याओं के संबंधों पर विचार करने के लिए प्रेरित करें। उदाहरण के लिए ये संख्याएं एक क्षैतिज(आड़ी) और एक उर्ध्वाधर (खड़ी) रेखाएं बनाती हैं। ये रेखाएं 33 पर मिलती हैं और इस संख्या में इकाई और दहाई दोनों ही स्थान पर 3 है। उर्ध्वाधर रेखा पर संख्याएं उपर से नीचे 10 से बढ़ती हैं और क्षैतिज रेखा पर संख्याएं बाँए से दाँए 1 से बढ़ती है। बच्चों से पूछें कि क्या अन्य संख्याओं के लिए भी ये संबंध हैं। उन्हें उन सभी संख्याओं पर कंकड़ रखने को कहें जिनके इकाई या दहाई के स्थान पर 3 आता है और इस प्रकार बने पैटर्न और संख्या संबंधों पर चर्चा करने को कहें।
• बच्चों को 11 , 22 , 33 , 44 , 55 , 66 , 77, 88 , 99 संख्याओं पर कंकड़ रखने को कहें और संख्याओं के पैटर्न और संबंधों पर चर्चा करें। एक पैटर्न जो बच्चे देख सकते हैं कि संख्याओं में अंको का योग (11 में 1+1=2 , 22 में 2+2=4 आदि) 2 , 4 , 6 , 8 , 10 , 12 , 14 , 16 , 18 है और ये सभी सम संख्याएं हैं।
• बच्चों को 1 , 12 , 23 , 34 , 45 , 56 , 67 , 78 , 89 संख्याओं पर कंकड़ रखने को कहें और संख्याओं के पैटर्न और संबंधों पर चर्चा करें। एक पैटर्न जो बच्चे देख सकते हैं कि संख्याओं में अंको का योग 1, 3 , 5 , 7 , 9 , 11, 13 , 15, 17 है और ये सभी विषम संख्याएं है। बच्चों को अगले विकर्ण की संख्याओं के साथ काम कर संख्या पैटर्न और संबंधों को देखने के लिए प्रेरित करें।
• बच्चों को 5, 14 , 23 , 32 , 41 , 50 संख्याओं पर कंकड़ रखने को कहें और उन्हें पैटर्न और संख्या संबंधों का अवलोकन करने को कहें । बच्चे यह देख सकते हैं कि सभी संख्याओं के अंको का योग 5 है और 5 विकर्ण की पहली संख्या है। इसी प्रकार बच्चों को अन्य विकर्णों के पैटर्न का अवलोकन करने का समय दें।
6. आगे गिनना : यह गतिविधि बच्चों के जोड़ की संक्रिया की समझ का आधार बनाती है। बच्चे आपके निर्देश के अनुसार संख्याओं पर कंकड़ रखेंगे।
25 और उसके आगे 3 गिने 32 और उसके आगे 5 गिने
35 और उसके आगे 6 गिने 36 और उसके आगे 7 गिने
73 और उसके आगे 2 गिने 41 और उसके आगे 4 गिने
7. ‘से’ ज्यादा : यह गतिविधि बच्चों में ‘से ज्यादा या इससे अधिक ‘ की अवधारणा की पुष्टि और जोड़ की अवधारणा सीखने में मदद करती है। बच्चे आपके निर्देश के अनुसार संख्याओं पर कंकड़ रखेंगे।
15 से 4 अधिक 40 से 9 अधिक
52 से 3 अधिक 26 से 5 अधिक
61 से 6 अधिक 43 से 7 अधिक
यहाँ शिक्षक “अधिक” शब्द के स्थान पर “ज्यादा” शब्द का उपयोग भी कर सकते हैं।
8. उल्टा गिनना : यह गतिविधि घटाव संक्रिया की समझ का आधार रखती है। बच्चे आपके निर्देश के अनुसार संख्याओं पर कंकड़ रखेंगे।
38 से पीछे 4 गिने 58 के पीछे 2 गिने
23 के पीछे 6 गिने 73 के पीछे 3 गिने
47 के पीछे 1 गिने 69 के पीछे 8 गिने
यहाँ शिक्षक “पीछे” शब्द के स्थान पर “पहले” शब्द का उपयोग भी कर सकते हैं।
9. ‘से’ कम : यह गतिविधि बच्चों में ‘से कम या इससे कम ‘ की अवधारणा की पुष्टि और घटाने की अवधारणा सीखने में मदद करती है। बच्चे आपके निर्देश के अनुसार संख्याओं पर कंकड़ रखेंगे।
49 से 3 कम 89 से 8 कम
21 से 4 कम 30 से 7 कम
56 से 6 कम 16 से 3 कम
10. दस अधिक या कम : यह गतिविधि बच्चों में 10 की गिनती की पुष्टि करता है। यह बच्चों में स्थानीय मान की समझ के लिए आधार का काम करता है।
2 से 10 ज्यादा (अधिक) 48 से 10 कम
24 से 10 ज्यादा 62 से 10 कम
63 से 10 ज्यादा 76 से 10 कम
11. बिंगो : यह गतिविधि बच्चों को इकाई और दहाई के साथ स्थानीय मान समझने में मदद करती है। इस गतिविधि के लिए हर बच्चा खाली संख्या-चार्ट का उपयोग करेगा। शिक्षक 0 – 99 के काउंटर्स एक छोटे बक्से में रखेंगे। एक बच्चा बक्से से एक काउंटर निकालेगा और संख्या को इकाई व दहाई के रूप में कहेगा , उदाहरण के लिए 25 को वह दो दहाई और पाँच इकाई कहेगा। कक्षा के अन्य बच्चे संख्या सुनकर संख्या-चार्ट में उस स्थान पर एक कंकड़ रखेंगे। अलग-अलग बच्चे बक्से से काउंटर निकालकर संख्या कहेंगे और बच्चे अपने संख्या-चार्ट पर कंकड़ रखते जाएंगे। यह कार्य तब तक चलता रहेगा जब तक कि बच्चों की कोई पंक्ति या कॉलम पूरा नहीं हो जाता।
12. संख्या चार्ट पर जोड़ना और घटाना : यह गतिविधि बच्चों को संख्या चार्ट पर जोड़ने और घटाने के अभ्यास का मौका देती है। संख्या चार्ट पर संख्याओं को किस प्रकार से जोड़ा जाता है , बच्चों के सामने इसका प्रदर्शन करें। उदाहरण के लिए 33 + 48 । बच्चे 33 पर एक कंकड़ रखेंगे। उनसे पूछें कि 48 में कितने दहाई (4) हैं। उन्हें याद दिलाएं कि एक बॉक्स नीचे आने पर संख्या 10 बढ़ती है। हमें 33 से 4 बॉक्स नीचे आना है (43 , 53 , 63 , 73) । बच्चों से पूछें कि 48 में 8 क्या दिखाता है (इकाई)। बच्चों को याद दिलाएं कि क्षैतिज दिशा में बाँयीं ओर जाने से संख्या एक से बढ़ती है। हमें 73 से बाँयीं ओर 8 स्थान आगे बढ़ना है (74 , 75 , 76 , 77 , 78 , 79 , 80 , 81) । इस प्रकार हम 81 पर पहुँचे , अत: 33 + 48 = 81। इसी प्रकार और उदाहरणों से जोड़ का अभ्यास कराएं।
अब संख्या चार्ट की मदद से घटाने का प्रदर्शन करें। उदाहरण के लिए 72 – 44 । बच्चे 72 पर एक कंकड़ रखेंगे। बच्चों से पूछें , 44 में कितने दहाई हैं (4) । 72 से चार बॉक्स उपर चढ़ेंगे (62 , 52 , 42 , 32) । अब बच्चों से पूछें कि 44 में दांयी ओर का 4 क्या दर्शाता है (इकाई) । अब हम 32 से क्षैतिज दिशा में बाँयीं ओर 4 स्थान पीछे जाएंगे (31 , 30 , 29 , 28) । इस प्रकार हम 28 पर पहुँचे , अत: 72 – 44 = 28। इसी प्रकार और उदाहरणों से घटाने का अभ्यास कराएं।
13. छोड़कर गिनना या गुणज पहचानना : यह गतिविधि बच्चों में छोड़ कर गिनना , गुणज और गुण की अवधारणा की समझ विकसित करने में मदद करती है।
• बच्चे दो – दो छोड़ कर गिनते हुए (0 , 2 , 4 , 6 , 8 , 10,……98) संख्याओं पर कंकड़ रखेंगे। बच्चों को इस प्रकार बने पैटर्न को पहचानने को कहें। इस प्रकार कंकड़ पाँच उर्ध्वाधर (खड़ी) रेखाएं बनाएंगे। सभी संख्याएं सम संख्याएं और 2 की गुणज होंगी। इस संख्याओं में इकाई अंक 0 या 2 या 4 या 6 या 8 होंगे।
• बच्चों को तीन – तीन छोड़ कर संख्याओं पर कंकड़ रखने को कहें। इस प्रकार का बना पैटर्न विकर्ण रेखाओं को दिखाता है और इन विकर्णों की संख्याओं पर अंकों का योग 3 , 6 , 9 , 12 , 15 , 18 होगा।
• इसी प्रकार बच्चों को 4 , 5 , 6 , 7 , 8 , 9 , 10 तक संख्याओं को छोड़ कर कंकड़ रखने और बने पैटर्न का अध्ययन करने को कहें।
14. सम-अपवर्त्य पहचानना : यह गतिविधि बच्चों में ‘छोड़ कर गिनने’ और गुणज की अवधारणा की पुष्टि करती है। यह गतिविधि तीन या चार बच्चों के समूह में करायी जा सकती है। समूह में बच्चे संख्या-चार्ट पर 3 के गुणज पर कंकड़ रखेंगे। फिर बच्चे 4 के गुणज पर कंकड़ रखेंगे।अब बच्चे उन संख्याओं को लिखेंगे जिन पर दो कंकड़ (12 , 24 , 36 , 48 , 60 , 72 , 84 , 96) रखे हैं। इन संख्याओं को सम-अपवर्त्य (common multiple) कहते हैं। इन सम-अपवर्त्य में सबसे छोटे अपवर्त्य की पहचान करें (12) और 100 तक के 3 और 4 के सम-अपवर्त्य में सबसे बड़े अपवर्त्य (96) की पहचान करें। इसी प्रकार बच्चों से अन्य संख्याओं के गुणज , सम-अपवर्त्य , सबसे छोटे और 100 तक सबसे बड़े अपवर्त्य की पहचान का अभ्यास कराएं।
15. अभाज्य संख्याएं : यह गतिविधि बच्चों में अभाज्य संख्याओं की समझ विकसित करने में मदद करेगी और वे 0 – 99 के बीच की अभाज्य संख्याओं को जान पाएंगे। आपके दिए निर्देशों के अनुसार बच्चे संख्याओं पर कंकड़ रखते जाएंगे। 4 से शुरू करते हुए 2 के सभी गुणज पर कंकड़ रखने को कहें। इसी प्रकार 6 से शुरू करते हुए 3 के सभी गुणज पर कंकड़ रखने को कहें।
फिर बच्चे 4 के सभी गुणज पर कंकड़ रखेंगे। अब बच्चे 5 को छोड़कर 5 के सभी गुणज पर कंकड़ रखेंगे और इसके बाद वे 6 के सभी गुणज पर कंकड़ रखेंगे। अंत में 7 को छोड़कर 7 के सभी गुणज पर कंकड़ रखेंगे। इस बात का ध्यान रखा जाए कि यदि किसी संख्या पर कंकड़ रखा हो तो उस पर दोबारा कंकड़ रखने की आवश्यकता नहीं है।
अब बिना कंकड़ रखी संख्याओं की पहचान करें (2 , 3 , 5 , 7 , 11 , 13 , 17 , 19 , 23 , 29 , 31 , 37 , 41 , 43 , 47 , 53 , 59 , 61 , 67 , 71 , 73 , 79 , 83 , 89 , 97) , ये सभी अभाज्य संख्याएं (Prime Numbers) हैं। बच्चों को बताएं कि अभाज्य संख्याओं के केवल दो ही गुणनखण्ड , 1 और स्वयं वह संख्या , होते हैं। अभाज्य संख्याएं स्वयं और एक से ही अभाज्य संख्याएं केवल स्वयं या एक से ही विभाजित होती हैं।
इस प्रकार एक संख्या-चार्ट की मदद से संख्याओं से संबंधित अलग-अलग अवधारणाओं समझ विकसित की जा सकती है। उपरोक्त गतिविधियों के अतिरिक्त कई अन्य गतिविधियां भी संख्या-चार्ट की मदद से करायी जा सकती हैं। संख्या-चार्ट बहुत ही आसानी से A4 पेपर पर बनाया जा सकता है या कंप्यूटर में किसी स्प्रेडशीट अथवा वर्डप्रोसेसर साफ्टवेयर की मदद से भी इसे तैयार कर उपयोग में लाया जा सकता है।
(संजय गुलाटी शिक्षा के क्षेत्र में पिछले 21 सालों से काम कर रहे हैं। आपके पास 15 सालों का शिक्षण अनुभव है। अभी आप शिक्षकों के प्रोफेशनल डेवेलपमेंट को लेकर काम कर रहे हैं। )

बुधवार, 13 नवंबर 2019

Seed Bomb

अपनी बात की शुरुआत मैं कुछ बुनियादी बातों के साथ करना चाहूँगी। पहला, राजकीय कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय चिणाखोली में मेरे अलावा दो अन्य शिक्षक हैं। गणित और विज्ञान शिक्षक के रूप में मेरी तैनाती की गई है, परन्तु इसके अतिरिक्त अन्य विषय जैसे भाषा आदि भी मुझे देखने पड़ते हैं। एक शिक्षक के रूप में इन विषयों की तैयारी एवं अध्यापन एक कठिन प्रक्रिया के रूप में दिखाई देता है। समेकित कक्षा शिक्षण इसके लिए उपयोगी हो सकता है। दूसरा, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 यह सुझाव देती है कि शिक्षक अध्यापन कार्य करते समय बच्चे के परिवेश का खूब इस्तेमाल करे एवं पठन-पाठन प्रक्रिया को और जीवन्‍त बनाएँ, जिससे बच्चे इसमें रुचि ले सकें। तीसरा, ज्ञान का मौजूदा स्वरूप स्कूली विषयों के सीमा में बँधा हुआ नहीं बल्कि समग्र रूप से मौजूद है।
उक्‍त तीन बातों को ध्‍यान में रखकर इस वर्ष मेरे द्वारा बच्चों के साथ एक प्रोजेक्ट ‘बीज बम किया गया। हालाँकि यह प्रोजेक्ट ‘पर्यावरणविद’ इस्तेमाल कर रहे हैं, परन्तु एक शिक्षक के रूप में यह हम पर निर्भर करता है कि हम इसे कैसे अपनी कक्षा के बच्चों तक ले जाते हैं एवं उनके ज्ञान क्षेत्र में विस्तार देने में इसका उपयोग करते हैं। यहाँ बच्चों के साथ किए गए कार्य के बारे में बताने का एक प्रयास है।
शुरुआत में कक्षा 6 से 8 के सभी बच्चों के साथ प्रोजेक्ट के बारे में बातचीत की गई। हमारे पर्यावरण में होने वाले बदलावों एवं उनसे हमारे ऊपर पड़ने वाले प्रभावों की बात की गई। इस बातचीत में एक मुख्य बिन्‍दु यह भी शामिल था कि धीरे-धीरे जंगलों में जानवरों जैसे बन्दरों के लिए खाना खत्म होता जा रहा है। वे अब हमारे गाँव/खेतों तक पहुँच रहे हैं एवं उन्हें नुकसान पहुँचा रहे हैं। बच्चों के साथ जैविक बीजों पर भी बातचीत की गई। पुराने जमाने में पहाड़ों पर ग्रामीण अपने घरेलू बीजों (घरया बीज) को संरक्षित करके रखते थे एवं अगले साल की फसल बोने हेतु उन बीजों का इस्तेमाल करते थे। यह प्रक्रिया साल दर साल आगे बढ़ा करती थी। परन्तु कृषि प्रौद्योगिकी में हुए बदलावों के चलते अब गाँवों में भी हाइब्रिड बीजों का चलन बढ़ गया है जिसके चलते जैविक बीज लगभग खत्म होते जा रहे हैं। चूँकि यह सब बच्चों के परिवेश में है तो उनके अनुभव के चलते इस प्रकार की बातचीत आसान ही रही। अब बच्चों से इस प्रोजेक्ट की अगली बातचीत साझा की गई जिसमें इसके उद्देश्यों को साझा किया गया जो कि निम्न हैं :
  1. जैविक बीजों का संरक्षण
  2. पौधारोपण
  3. जंगलों में ऐसे बीजों का पौधारोपण जिनसे जंगली जानवरों को खाना मिल सके और वे गाँव की फसलों को भी खराब न कर सकें।
इसके साथ ही एक शिक्षक के रूप में अपने विद्यार्थियों के लिए कुछ शैक्षिक उद्देश्य हमेशा आपके दिमाग में रहने चाहिए, अत: इस प्रोजेक्ट के दौरान मेरे शैक्षिक उद्देश्य भी यहीं साझा करना उचित होगा जोकि निम्न हैं:
  1. इस प्रोजेक्ट के माध्यम से बच्चों को साथ लेकर (अ) विज्ञान के प्रति उत्सुकता (ब) पर्यावरण संरक्षण को लेकर बच्चों को अवगत करवाना, विषय पर कार्य करना।
  2. विज्ञान में पौधे का अंकुरण, पौधे के भाग, पौधे का प्ररोह तंत्र, सरंचना, क्लोरोफ़िल, एक बीज पत्री, द्वीबीज पत्री पर बच्चों से बातचीत एवं उन्हें स्वयं से अपने ज्ञान को सृजित करने के अवसर देना।
  3. इस प्रोजेक्ट के माध्यम से विद्यार्थी ग्राफ (गणित) की अवधारणा को भी समझ पाएँ।
  4. वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं भाषाई कौशलों का विकास।     
बच्चों के साथ इस प्रोजेक्ट पर बातचीत के बाद कुछ कार्य बच्चों को दिए गए जैसे घरेलू बीज, उपजाऊ मिट्टी, गाय का गोबर एवं मूत्र एकत्रित करना आदि। अगले दिन प्रोजेक्ट कार्य के लिए आवश्यक सामग्रियों को लेकर अभिभावकों से बातचीत की गई। सभी बच्चों ने अभिभावकों के सहयोग से सामग्रियाँ एकत्रित कीं।  बच्चों द्वारा एकत्रित किए गए बीजों में लौकी, भिन्डी, मकई, मीठा करेला, खीरा, गोदड़ी, कद्दू, छेमी, बारामासी छेमी के बीज शामिल थे।
काली मिट्टी एवं गोबर (जैविक खाद) बराबर मात्रा में मिलाकर पानी से आटे की तरह गूँथा। फ़िर लड्डू बराबर के गोले बनाकर एक ही किस्म के दो-दो बीज एक-एक गोले में भरे गए। ये गोले ही बीजबम थे। अगले दिन बीजबम बनाने का कुछ कार्य जो छूट गया था पूरा किया गया। सभी ने मिलकर लगभग 317 बीज बम बना लिए थे जिन्हें सम्भाल कर रख दिया गया। 
कुछ दिन तक बीज बमों का अवलोकन किया गया। इस दौरान किए गए अवलोकन इस तरह हैं :
  • बीजबम में कोई परिवर्तन नहीं। जिस बीजबम की मिट्टी सूख गई है उसमें हल्का सा पानी का छिड़काव किया।
  • कुछ मिट्टी के बीजबम में दरार पड़ गई है।
बच्चों से पूछा गया कि कौन से बीज बमों में दरारें ज्यादा दिखाई दे रही हैं तो बच्चों ने बताया कि जिन बीजबमों में राजमा, छेमी थीं उनमें। बच्चों ने इसका कारण पूछा। मुझे इसके दो कारण समझ आए :
  • शायद मिट्टी को ढंग से नहीं गूँथा
  • शायद बीज फूलकर बड़ा अपने आकार से बड़ा हो गया हो।
बच्चों ने भी सम्‍भावित कारण बताए जैसे शायद किसी के पैर पड़े हों या फिर किसी ने बीजबम को हिला दिया हो।
इसके बाद बच्चों के साथ मिलकर इन बीजबमों को जंगल में डाल दिया गया। प्रत्येक स्थान पर दो-दो बीज बम रखे गए।
कुछ बीजबमों को स्‍कूल में रख दिया गया था। कुछ दिन बाद इनका अवलोकन किया गया। प्रत्येक बच्चे को अपने अवलोकन अपनी नोटबुक में दर्ज करने थे। अवलोकन कुछ इस तरह थे :
  • कुछ बीज बम जिनमें दरार पड़ी थी, उनसे कुछ सफ़ेद सी आकृति दिखाई दी। इस पर बच्चों से बातचीत हुई। पर किसी निष्‍कर्ष पर नहीं पहुँच सके। लगा कि अभी और अवलोकन करने होंगे। शायद कोई सरंचना हो।
  • कुछ बीज बमों में छोटी सी सफ़ेद पत्ती जैसी सरंचना दिखाई दे रही है। इस अवलोकन पर बच्चों से बातचीत हुई कि यह पौधे की पत्ती निकल रही है। कुछ बच्चों ने यह भी बताया कि अब बीज नहीं दिख रहा है। इस दौरान बच्चों से दिखाई दे रहे पौधे के भागों पर चर्चा हुई कि यह तना है और पत्तियाँ हैं। इसके साथ ही इन पत्तियों में यह जो हरा रंग है उसका कारण इन पत्तियों में क्लोरोफिल का पाया जाना होता है।
  • छेमी के बीजों के बाह्यदल फटने पर उन पर तना निकल आया। कुछ अवलोकन में बच्चों ने द्वी बीज पत्री पौधे भी दिखाई दिए। इन्हें लेकर बच्चों के सवाल कुछ इस प्रकार से थे कि क्या यह सरंचना भी पत्तियाँ हैं? मैंने बच्चों से द्वीबीज पत्री पौधों पर बातचीत की। मैंने उन्‍हें बताया कि नहीं यह पत्तियाँ नहीं हैं। जिन बीजों में अंकुरण के समय दो भाग हो जाते हैं उन्हें द्वीबीज पत्री पौधे कहते हैं।         
अब बच्चों को अवलोकन के साथ-साथ पौधों की लम्बाई नापने और उसका रिकॉर्ड रखने को भी कहा गया। शुरुआत में कुछ बच्चों को लम्बाई नापने में दिक्कतें हो रही थी जैसे कहाँ से नापना है आदि। इस पर हमने लम्बाई को जहाँ मिट्टी है वहीं से नापना शुरू किया। अभी तक अवलोकन में द्वी बीज पत्री पौधे दिखे, जिनकी अलग-अलग लम्बाई है। इसी पर ग्राफ का कार्य शुरू किया गया। बच्चों को ग्राफ कापियाँ देकर उन्हें ग्राफ के बारे में समझाया गया एवं एक पैमाना लेकर अलग-अलग पौधों की वृद्धि का ग्राफ बनवाया गया। इस दौरान मक्के के बीज का अंकुरण भी बच्चों द्वारा अवलोकित किया गया। उनसे छेमी एवं मक्के के अवलोकन में दिख रहे अन्तर के बारे में पूछा गया। बच्चों की प्रतिक्रिया थी कि इसमें छेमी के बीज जैसी संरचना नहीं दिखाई दे रही। बच्चों के साथ एक बीज पत्री पौधों पर बातचीत की गई कि ये पौधे एक बीज पत्री पौधे क्‍यों कहलाते हैं। अपनी पूरी बातचीत के दौरान बच्चों को पौधे की संरचनाओं के बारे में बताने के साथ-साथ उन्हें अंग्रेजी में क्या कहा जाता है यह भी बताया।
इस पूरे शिक्षण के दौरान बच्चों को लेकर मेरे अवलोकन निम्न हैं:
  • बच्चों ने अवलोकनों को दर्ज किया था। अभी कुछ बच्चों में अपने अवलोकन स्प्ष्ट रूप से लिखने का कौशल विकसित हो रहा है। जो उनके भाषाई कौशलों को विकसित करने का एक माध्यम बन रहा है।
  • बच्चे पौधे के अंकुरण की प्रक्रिया एवं पौधे के विभिन्न भागों-संरचनाओं से परिचित हुए एवं इस कार्य को लेकर बच्चों में काफी उत्साह दिखा।
  • सभी बच्चों में एक बीज पत्री एवं द्वी बीज पत्री पौधों की अवधारणा का विकास हुआ है। बच्चों ने इसमें अपने अवलोकन भी बताए जो कि निम्न हैं :
  1. द्वी बीज पत्री जल्दी से अंकुरित हो जाएँगे।
  2. द्वी बीज पत्री ज्यादातर दालें हैं।
  3. द्वी बीज पत्री पौधों के छिलके पतले होंगे एवं एक बीज पत्री के छिलके मोटे होंगे।
  4. उपरोक्त आधार पर अब बच्चे बीजों के नाम सुनकर उन्हें एक बीज पत्री एवं द्वी बीज पत्री पौधों में वर्गीकृत कर पा रहे हैं।
  5. इस दौरान ग्राफ बनाने के बाद बच्चों द्वारा कक्षा के बच्चों की ऊँचाई एवं उपस्थिति को लेकर भी ग्राफ बनाए गए।

सावित्री उनियालराजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, चिणाखोली, उत्‍तरकाशी  

प्रेषित: अध्यापक की सोच

बुधवार, 6 फ़रवरी 2019

अर्थशास्त्र प्रश्नोत्तरी

अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान के प्रश्नोत्तरी


अर्थशास्त्र के बारे में हम स्कूल से ही पढ़ते आ रहे है .बहुत से उम्मीदवार उस समय ध्यान नहीं देते और बाद में उन्हें एग्जाम में दिक्कत आती है .इसलिए आज कोई भी परीक्षा हो उसमे अर्थशास्त्र से संबंधित काफी प्रश्न पूछे जाते है .अगर कोई उम्मीदवार किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे है जिसमे अर्थशास्त्र के बारे में पूछा जाता है ,उन्हें अर्थशास्त्र के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है .इसलिए आज हम इस पोस्ट में अर्थशास्त्र के प्रश्न उत्तर अर्थशास्त्र क्विज अर्थशास्त्र की तैयारी अर्थशास्त्र महत्वपूर्ण प्रश्न से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए .यह प्रश्न हर बार परीक्षाओं में पूछे जाते है .इसलिए In प्रश्नों को आप अच्छे से याद करे ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे .


1. 1950-51 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान कितना था ?
उत्तर 52.2 प्रतिशत
2.अंगूर की प्रति हेक्टेयर उपज में भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है ?
उत्तर पहला
3.भारतीय ऋण गांरटी निगम का नाम बदलकर जमाराशि बीमा एंव ऋंण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी)कब किया गया ?
उत्तर 1978
4. काली चाय का विश्व में सबसे बडा उत्पादक और उपभोक्ता देश कौन-सा है ?
उत्तर भारत
5. भारतीय प्रतिभूती एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना कब की गई?
उत्तर 12 अप्रैल, 1988
6. विश्व में मसलो के सबसे बडे उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यात्क होने का गौरव किस देश को प्राप्त है?
उत्तर भारत
7. बैंक ऑफ मद्रास की स्थापना कब की गई ?
उत्तर 1843
8. दूसरी बार रुपए का अवमूल्यन कब हुआ ?
उत्तर 6 जून, 1966
9. भारतीयो द्वारा संचालित पहला बैंक कौन-सा था ?
उत्तर अवध कॉमर्शियल बैंक
10. रुपए का तीसरी बार अवमूल्यन कब हुआ ?
उत्तर1 जुलाई, 1991


11. लागू किए गए ?
उत्तर छठी
12. इलाहाबाद बैंक की स्थापना कब की गई ?
उत्तर1865
13. किस स्थिति में मुद्रा के मूल्य में वृद्धि होती है तथा वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतो में गिरावट होती है?
उत्तर मुद्रा संकुचन या अवस्फीतत
14. कौन-सी योजना 15 वर्ष की दीर्घ अवधि को ध्यान में रखकर बनाई गई थी ?
उत्तर छठी
15. किस योजना के दौरान ‘गरीबी रेखा’ क ग्रामीण क्षेत्र में प्रति व्यक्ति 2,400 कैलौरी तथा शहरी क्षेत्र में2,100 कैलौरी के रूप में परिभाषित किया गया ?
उत्तर छठी
16. रबड की प्रति हेक्टेयर उत्पादक में भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है ?
उत्तर पहला
17. कुल पशुओं की संख्या की दृटि से विश्व में कौन-सा देश पहले स्थान पर है ?
उत्तर ब्राजील
18. रबी की फसलो की बुआई कब की जाती है ?
उत्तर अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर
19. नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) देश में कब शुरु की गई ?
उत्तर अक्टूबर, 2005
20. जायद की फसलो में कौन-सी फसलें आती है ?
उत्तर तरबूज, खरबूज, ककडी तथा पशुचारा


21. देश में कृषि के अंतर्गत किस तरह के उर्वरको का सर्वाधिक उपयोग है ?
उत्तर नाइट्रोननी
22. सरकारी टकसालें किन शहरो में स्थित हैं?
उत्तर मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद तथा नोएडा
23. किस योजना 15 वर्ष की दीर्घ अवधि को ध्यान में रखकर बनाई गई थी ?
उत्तर छठी
24. भारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी बैंक कौन-कौन से हैं?
उत्तर स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक
25. श्वेत क्रांति किससे संबंधित है ?
उत्तर दूग्ध उत्पादन से
26. देश का पहला तैरता ए. टी. एम. कहा स्थापित किया गया है ?
उत्तर कोच्चि
27. बैंक ऑफ मद्रास, बैंक ऑफ बांबे व बैंक ऑफ बंगाल को आपस में विलय करके किस बैंक की स्थापना की गई ?
उत्तर इंपीररयल बैंक ऑफ इंडिया
28. बांबे स्टॉक एक्सचेंज द्वारा सूचकांक यानि सेंसेक्स कब शुरू किया गया ?
उत्तर1986-87
29. खरीफ की फसलो में कौन-सी फसलें आती हैं?
उत्तर ज्वार, बाजरा, मक्का, तिल, मूूँगफली, अरहर आदि
30. रबड के उत्पादन में भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है ?
उत्तर चौथा


31. ‘ऑपरेशन फ्लड’ कायथक्म के सूत्रधार कौन थे ?
उत्तर डॉ. वगीज कूरियन
32. भारतीय मुद्रा रुपए के प्रतीक चिन्ह का अनुमोदन सरकार ने कब किया ?
उत्तर15 जुलाई, 2010
33. भारत की पहली डिपॉजिटरी नेशनल सिक्यूरिटीज डिपॉजिटरी लि. (NSDL) की स्थापना कब की गई ?
उत्तर8 नवंबर, 1996
34. मुद्रास्फीति के दुष्परिणामो को दूर करने के लिए जान-बूझकर मुद्रा की मात्रा कम करने को क्या कहते हैं?
उत्तर मुद्रा अपस्फीति
35. ‘ऑपरेशन फ्लड’ कायथक्म कब शुरू किया गया ?
उत्तर1970
36. भारतीय रिजर्व बैंक में एक गवर्नर के अलावा कितने डिप्टी गवर्नर होते हैं?
उत्तर चार
37. इंपीररयल बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना कब की गई ?
उत्तर1921
38. भारत में सबसे पहले किस बैंक की स्थापना की गई ?
उत्तर बैंक ऑफ हिन्दुस्तान
39. ग्रामीण बेरोजगारी उन्मूलन से संबंधित कार्यक्र्म IRDP, NREP, TRYSEM, DWACRA, RLEGP किस योजना में40. 5, 10, 50, 100, 500 तथा 1,000 रूपए के बैंक नोट कहा छापे जाते हैं?
उत्तर करेंसी नोट प्रेस नासिक रोड
40. पूर्णरूपेण भारतीयो का पहला बैंक कौन-सा था ?
उत्तर पंजाब नेशनल बैंक


41.6 बडे व्यावसायिक बैंको का राष्ट्रीयकरण कब किया गया ?
उत्तर1980
42. सकल घरेलू(जीडीपी) में कृषि एवं संबंध क्षेत्र का हिस्सा कितना है ?
उत्तर13.67 प्रतिशत
43. भारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी बैंक वर्तमान में कितने हैं?
उत्तर पांच
44. इंड़िया सिक्यूरिटी प्रेस कहा स्थित है ?
उत्तर नासिक रोड (महाराष्ट्र)
45. भारतीय रिजर्व बैंक ने कार्य करना कब शुरू किया ?
उत्तर 1 अप्रैल, 1935
46. भारतीय प्रतिभूती व्यापार निगम की स्थापना कब की गई ?
उत्तर 1994
47. इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का नया नाम क्या दिया गया ?
उत्तर भारतीय स्टेट बैंक
48. व्यापारिक या नकदी फसलें कौन-सी होती हैं?
उत्तर कपास, गन्ना, तिलहन, चाय, जूट तथा तंबाकू
49. हरित क्रांति से किस फसल के उत्पादन में सबसे अधिक वृद्धि हुई ?
उत्तर गेहूँ
50. प्रत्येक अनूसूतचत वतणस्ज्यक बैंको को अपनी जमा का एक निश्चित अंश भारतीय रिजर्व बैंक के पास नकदरूप में रखना अनिवार्य होता है, उसे क्या कहते हैं?
उत्तर नकद आरक्षित अनुपात


51. ताजे पानी की सर्वाधिक मछलिया किस राज्य में पकडी जाती है ?
उत्तर पश्चिम बंगाल
52. रिजर्व बैंक अधिकतम् किस मूल्यवर्ग तक के बैंक नोट जारी कर सकता है?
उत्तर 10,000 रूपए
53. भारतीय रिजर्व बैंक की दूसरी अनुसूची में सम्मिलित बैंको को क्या कहते हैं?
उत्तर अनुसूतचत बैंक
54. सिक्यूरिटी पेपर मिल कहा स्थित है ?
उत्तर होशंगाबाद (मध्य प्रदेश)
55. छठी पंचर्षीय योोजना में किस पर विशेष बल दिया गया ?
उत्तर गरीबी निवारण तथा रोगजार सृजन
56. अंडो के उत्पादन में भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है ?
उत्तर तीसरा
57. विश्व में समुद्री मत्स्य उत्पादन में भारत का कौन-सा स्थान है ?
उत्तर छठा
58. देश की दूसरी डिपॉजिटरी सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लि. (CDSL) की स्थापना कब की गई ?
उत्तर फरवरी,1998
59. राष्ट्रीय साख परिषद की स्थापना कब की गई ?
उत्तर 22 दिसबंबर, 1977
60. छठी पंचविीय योजना कब समाप्त कर दी गई ?
उत्तर 1980


61. भारतीय स्टेट बैंक के किन सहयोगी बैंको के उसमें विलय कर दिया गया है ?
उत्तर स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र
62. जायद की फसलो को कब पैदा किया जाता है ?
उत्तर मार्च से जुलाई के मध्य
63. अवध कॉमर्शियल बैंक की स्थापना कब की गई थी ?
उत्तर 1881
64. रिजर्व बैंक अधिकतम् किस मूल्यवर्ग तक के सिक्के जारी कर सकता है ?
उत्तर 1,000 रुपए
65. सर्वाधिक समुद्री मछलिया किस राज्य में पकडी जाती हैं?
उत्तर गुजरात
66. बैंको के ग्राहको की शिकायतो का निदान कराने के लिए बैंकिग लोकपाल योजना कब लागू की गई
उत्तर 14 जून, 1995
67. जनता पार्टी सरकार द्वारा पेश छठी योजना को किस सरकार ने समय से पहले ही समाप्त कर दिया?
उत्तर कांग्रेस सरकार
68. सेबी क संवैधातनक संस्था का दर्जा कब प्रदान किया गया ?
उत्तर 1992
69. बांबे स्टॉक एक्सचेंज का पहले नाम क्या था ?
उत्तर द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन
70. उस दर को क्या कहते हैं जिस पर केंद्रीय बैंक प्रथम श्रेणी तथा अनुमदित हुंडियो का जमानत के आधारपर देश में वाणिज्यिक बैंको को ऋण प्रदान करता है ?
उत्तर बैंक दर


71. किस पंचविीय योजना के दौरान रोजगार मापने के लिए ‘मानक व्यक्ति विथ’ (Standard Person Year) को अपनाया गया उत्तर छठी
72. रुपए का सर्वप्रथम अवमूल्यन कब हुआ ?
उत्तर 20 सितंबर, 1949
73. भारत का विश्व दुग्ध उत्पादन में कौन-सा स्थान है ?
उत्तर पहला
74. भारतीय बैंकिंग अधिनियम पारित कब किया गया ?
उत्तर1949
75. बैंक ऑफ बांबे की स्थापना कब की गई ?
उत्तर1840
76. भारत में मुद्रास्फीति की गणना किस पर आधारित है ?
उत्तर थोक मूल्य सूचकांक
77. पीली क्रांति किससे संबंधित है ?
उत्तर तिलहन उत्पादन से
78. कांग्रेस सरकार द्वारा लागू छठी पंचविीय योजना की अवघि क्या निश्चित की गई ?
उत्तर 1980-85
79. मोटे अनाज के अंतर्गत कौन-सी फसलें आती हैं?
उत्तर बाजरा, ज्वार, रागी, मक्का तथा जौ
80. खरीफ की फसलो की बुआई कब की जाती है ?
उत्तर जून-जुलाई


81. बैंक ऑफ बंगाल की स्थापना कब की गई ?
उत्तर 1806
82. मोती देने वाली मछलिया कहाँ पकडी जाती हैं?
उत्तर मन्नार की खाडी
83. भारतीय ऋण गारंटी निगम की स्थापना कब की गई ?
उत्तर 1971
84. कुल पशुओं की संख्या की दृटि से विश्व में भारत का कौन-सा स्थान है ?
उत्तर दूसरा
85.
86.
87. भारतीय रिजर्व बैंक ने कब तक पाकिस्तान के लिए भी केंद्रीय बैंक के रूप में कार्य किया ?
उत्तर 30 जून,1948
88. कुल मछली उत्पादन में कौन-सा राज्य पहले स्थान पर है ?
उत्तर पश्चिम बंगाल
89. डाक सामग्री, डाक टिकट, ज्यूडीतशयल एवं नॉन-ज्यूडीतशयल, स्टाप, भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय स्टेट बैंको के चेक, बॉण्ड, NSC, किसान विकास पत्र, पोस्ट्ल आर्डर,पासपोर्ट, सुरक्षा दस्तावेज और प्रोमिसरी नोट कहा छापे जाते हैं?
उत्तर इंडिया सिक्यूरिटी प्रेस
90. भारत में सर्वाधिक मात्रा में खाद्यान्न का उत्पादन होता है ?
उत्तर चावल


91. किस समिति की रिपोर्ट के आधार पर निजी क्षेत्र में बैंक स्थापित करने की अनुमति प्रदान कर दी गई?
उत्तर नरसिन्हमन सतमति
92. रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (प्रा.) तल. की स्थापना कब की गई ?
उत्तर 3 फरवरी, 1995
93. इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का राष्ट्रीयकरण कब किया गया ?
उत्तर 1955
94. विश्व का सबसे बडा चमडा उत्पादक देश कौन-सा है ?
उत्तर भारत
95. बैंक ऑफ हिंदुस्तान की स्थापना कब की गई ?
उत्तर 1770
96. भारतीय रिजर्व बैंक ने बचत बैंक खातो पर ब्याज दरो का विनियमन कब समाप्त कर दिया ?
उत्तर 25अक्टूबर, 2011
97. ‘ऑपरेशन फ्लड’ कायथक्म तकसके उत्पादन में बढ तरी से संबंधित है ?
उत्तर दूध
98. विश्व में अंर्देशीय मत्स्य उत्पादन में भारत का कौन-सा स्थान है ?
उत्तर दूसरा
99. बांबे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक कितने शेयरो के मूल्यो पर आधारित है ?
उत्तर 30
100. कृषि के अंतर्गत ट्रैक्टर्स के उपयोग की दृटि से भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है ?
उत्तर चौथा
101. रबी की फसलो में कौन-सी फसलें आती हैं?
उत्तर गेहूँ, जौ, चना मटर, सरसो व आलू आदि
102. विदेशो में स्थित विदेशी बैंको के साथ विदेशी मुद्रा में भारतीय बैंको द्वारा रखे गए खाते को क्या कहते हैं?
उत्तर नोस्ट्रो एकाउंट्स


बुधवार, 26 दिसंबर 2018

वर्ष 2018 के टॉप-50 घटनाक्रम

वर्ष 2018 के टॉप-50 घटनाक्रम जिसने दुनिया बदल दी

अध्यापक की सोच

वर्ष 2018 समाप्ति की ओर है और 2019 आपके स्वागत में बाँहें फैलाये खड़ा है. इस वर्ष बहुत से ऐसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुए हैं जिन्हें करेंट अफेयर्स की दृष्टि से याद रखना बहुत जरुरी है.  विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी के लिए यह सभी घटनाएं अति महत्वपूर्ण हैं.

केन्‍द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 08 जनवरी 2018 को पुणे में भारत का सबसे तेज और पहला मल्‍टीपेटाफ्लोप्‍स सुपर कम्‍प्‍यूटर देश को समर्पित किया. इस सुपर कम्‍प्‍यूटर को सूर्य के नाम पर प्रत्‍यूष नाम दिया गया है. इसे भारतीय मौसम विज्ञान संस्‍थान पुणे में लगाया गया है जिससे पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय से सटीक मौसम और जलवायु पूर्वानुमान में और सुधार होगा.
भारत इस श्रेणी में ब्रिटेन, जापान और अमेरिका के बाद मौसम तथा जलवायु की निगरानी जैसे कार्यों के लिए एचपीसी क्षमता वाला चौथा प्रमुख देश बन गया है. फिलहाल के मौजूदा आंकड़ों के अनुसार ब्रिटेन 20.4 पेटाफ्लॉप अंकों के साथ सर्वाधिक एचपीसी क्षमता वाला देश है. इसके बाद जापान की एचपीसी क्षमता 20 पेटाफ्लॉप और अमेरिका की 10.7 पेटाफ्लॉप है.

भारतीय रेलवे की पहली बिना इंजन वाली ट्रेन-18 परीक्षण के दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक स्पीड से सफलतापूर्वक दौड़ी. इस प्रकार यह देश की सबसे तेज दौड़ने वाली ट्रेन बन गई है. इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 220 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है.
इससे पहले भारतीय पटरियों पर टैल्गो ट्रेन 180 की स्पीड से दौड़ी थी, लेकिन वह स्पेन की ट्रेन थी. मौजूदा समय में भारत की सबसे तेज दौड़ने वाली ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस दिल्ली से झांसी के बीच अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से सफर करती है.

जर्मनी में 18 सितंबर 2018 को विश्व की पहली हाइड्रोजन इंधन वाली ट्रेन का सफल ट्रायल किया गया. यह ट्रेन पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है अर्थात् डीजल इंजन की भांति इससे प्रदूषण नहीं होता. इसको फ्रांस की कंपनी एलस्टॉम (Alstom) ने दो साल की मेहनत के बाद तैयार किया है.
विश्व में बढ़ रही प्रदूषण की समस्या के चलते इस ट्रेन का निर्माण किया गया है. उत्तरी जर्मनी में हमबर्ग के पास एक रेलवे लाइन पर इस ट्रेन की का सफल ट्रायल हुआ. इस ट्रेन का नाम कोराडिया आई लिंट (Coradia iLint) रखा गया है. कंपनी द्वारा दावा किया गया है कि यह ट्रेन ज़ीरो एमिशन पैटर्न पर चलती है अर्थात् इससे कार्बन डाइऑक्साइड नहीं निकलती बल्कि इससे भाप उत्पन्न होती है.

भारत द्वारा 19 जनवरी 2018 को ऑस्ट्रेलिया ग्रुप (एजी) का सदस्य बनना एक महत्वपूर्ण कामयाबी है. इस समूह की सदस्यता के मिलने पर भारत अंतरराष्ट्रीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए मजबूती से दावेदारी रख सकता है.
ऑस्ट्रेलिया ग्रुप (एजी) परमाणु अप्रसार की एक महत्वपूर्ण व्यवस्था है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि निर्यातों से रासायनिक या जैविक हथियारों का विकास नहीं हो सके. मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) और वासेनार अरेंजमेंट (डब्ल्यूए) के बाद चार प्रमुख निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में से एक एजी की सदस्यता मिलने से भारत को 48 सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में अपनी सदस्यता की दावेदारी पुख्ता बनाने में मदद मिल सकती है.

खगोल वैज्ञानिकों ने हब्बल एवं केपलर अंतरिक्ष दूरबीनों की मदद से हमारे सौरमंडल के बाहर पहले चंद्रमा (एक्जोमून) का पता लगाया है. यह धरती से 8,000 प्रकाश वर्ष दूर एक विशालकाय गैसीय ग्रह की परिक्रमा कर रहा है. ऐसा पहली बार है जब सौरमंडल के बाहर किसी चंद्रमा की खोज गई है.
‘साइंस एडवांसेस’ पत्रिका में प्रकाशित लेख के अनुसार यह एक्जोमून अपने बड़े आकार (नेप्चून के व्यास की तुलना में) के कारण अनोखा है. यह अपने आप में एक पहली घटना है. दरअसल हमारे सौरमंडल से बाहर स्थित ग्रह को एक्जोप्लैनेट (बहिर्ग्रह) और इसके चंद्रमा यानी उपग्रह को ‘एक्जोमून’ कहते हैं.

मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) से स्कॉर्पीन क्लास की तीसरी पनडुब्बी 'करंज' 31 जनवरी 2018 को लॉन्च की गयी. करंज को प्रोजेक्ट 75 प्रोग्राम के तहत एमडीएल द्वारा बनाया गया है. यह इस परियोजना के तहत बनाई जाने वाली छह पनडुब्बियों में से तीसरी है.
करंज से पूर्व इस श्रेणी की पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी पिछले साल 14 दिसंबर को लॉन्च की गई थी. वहीं दूसरी पनडुब्बी खांदेरी भी लॉन्च की जा चुकी है. करंज को नौसेना में शामिल किये जाने के अवसर पर नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा भी मौजूद थे.

भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) ने 25 फरवरी 2018 को कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में स्थित अपने परीक्षण केंद्र से स्वदेश निर्मित ड्रोन रुस्तम-2 का सफल परीक्षण किया. इस ड्रोन को भारत में ही बनाया गया है. डीआरडीओ की ओर से जारी जानकारी में कहा गया है कि मध्यम ऊंचाई तक और लंबी अवधि तक उड़ने वाले इस ड्रोन का विकास सेना की तीनों शाखाओं के लिए किया गया है.
रुस्तम-2 एक बार में लगातार 24 घंटे तक उड़ने की क्षमता रखता है और यह लगातार चौकसी कर सकता है और साथ में हथियार भी ले जा सकता है. मध्यम ऊंचाई तक और लंबी अवधि तक उड़ने वाले इस ड्रोन का विकास सेना की तीनों शाखाओं के लिए किया गया है.

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 29 जनवरी 2018 को आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 पेश किया. आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2019 के दौरान जीडीपी के 7 से 7.5 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान जताया है. वहीं तेजी से महंगा होता क्रूड भी सरकार की प्रमुख चिंताओं में से एक है जिसके इस वर्ष 12 प्रतिशत और महंगा होने का अनुमान है.
वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत दर्ज करने के बाद 2017-18 में जीडीपी वृद्धि दर 7 से 7.5% रहने का अनुमान लगाया गया. इस कमी के बावजूद भारत की जीडीपी 2014-15 से 2017-18 तक औसतन 7.3 प्रतिशत रही जो कि विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में काफी बेहतर है.

केंद्रीय वित्त मंत्री  अरुण जेटली ने द्वारा वित्त वर्ष 2018-19 के लिए पेश किये गये बजट में ग्रामीण एवं कृषि क्षेत्र को विशेष रूप से उल्लिखित किया गया. वित्त मंत्री के भाषण की शुरुआत खेतिहर किसानों के लिए किए गए कई बड़ी घोषणाओं से हुई. वित्त मंत्री ने कम लागत में अधिक फसल उगाने पर बल देते हुए किसानों को उनकी उपज का अधिक दाम दिलाने पर भी ध्यान केन्द्रित किया.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा. उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि उपज पर लागत से डेढ़ गुना अधिक दाम मिले. कृषि प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए 1400 करोड़ रुपये रखे गये जबकि 500 करोड़ रुपये की लागत से ऑपरेशन ग्रीन आरंभ करने की भी घोषणा की गयी.

आम बजट 2018-19 के दौरान की गई विभिन्न घोषणाओं में देश की सिंचाई व्यवस्था के लिए कुसुम योजना की घोषणा की गई. यह योजना देश के किसानों एवं कृषि व्यवस्था के लिए बड़ा बदलाव साबित हो सकती है. इस योजना के तहत देश में सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाले सभी पंपों को सोलर आधारित बनाया जाएगा.
योजना का नाम किसान ऊर्जा सुरक्षा व उत्थान महाअभियान (कुसुम) रखा गया है. कुसुम योजना के अंतर्गत वर्ष 2022 तक देश में तीन करोड़ पंपों को बिजली या डीजल की जगह सौर ऊर्जा से चलाया जाएगा. कुसुम योजना पर कुल 1.40 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 08 मार्च 2018 को राजस्थान के झुंझूनू जिले में राष्ट्रीय पोषण मिशन की शुरुआत की. राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत सभी बच्चों को उचित पोषण मिलना सुनिश्चित किया जायेगा. राष्ट्रीय पोषण मिशन एक शीर्षस्थ निकाय के रूप में मंत्रालयों के पोषण संबंधी हस्तक्षेपों की निगरानी, पर्यवेक्षण, लक्ष्य निर्धारित करने तथा मार्गदर्शन करेगा. यह कार्यक्रम लक्ष्यों के माध्यम से ठिगनेपन, अल्प पोषाहार, रक्त की कमी तथा जन्म के समय बच्चे के वजन कम होने के स्तर में कमी के उपाय करेगा.
इससे बेहतर निगरानी समय पर कार्यवाही के लिए सावधानी जारी करने में तालमेल बिठाने तथा निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मंत्रालय और राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों को कार्य करने, मार्गदर्शन एवं निगरानी करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 15 मार्च 2018 को प्रसूति गृह और ऑपरेशन कक्ष में देखभाल में गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से हाल ही में ‘लक्ष्य’ कार्यक्रम की घोषणा की. इस कार्यक्रम से प्रसूति कक्ष, ऑपरेशन थियेटर और प्रसूति संबंधी गहन देखभाल इकाइयों (आईसीयू), उच्च निर्भरता इकाइयों (एचडीयू) में गर्भवती महिलाओं की देखभाल में सुधार होगा.
लक्ष्य कार्यक्रम सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, जिला अस्पतालों और फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में कार्यान्वित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य 18 महीने के भीतर स्पष्ट परिणाम हासिल करने के लिए इसे तेजी से कार्यान्वित करना है.

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (RUSA) को 01 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2020 तक जारी रखने को मंजूरी दी है. इस अभियान के तहत केंद्र सरकार राज्यों को उच्च शिक्षा के लिए निधि आवंटित करती है. रूसा के तहत सरकार का लक्ष्य 2020 तक कुल नामांकन अनुपात 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करना है.
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) एक केंद्र सरकार प्रायोजित योजना है जो पात्र राज्य उच्चतर शैक्षिक संस्थाओं को वित्त पोषित करने के उद्देश्य से वर्ष 2013 में प्रारंभ किया गया था. केन्द्रीय वित्त पोषण (सामान्य वर्ग के राज्यों के लिए 65:35 के अनुपात में और विशेष वर्ग के राज्यों  के लिए 90:10 के अनुपात में) मापदंड आधारित और आउटकम अधीन होगा. चिन्हित संस्थांनों में पहुंचने से पहले निधियन केन्द्रीय मंत्रालय से राज्य सरकारों/संघ शासित प्रदेशों के माध्यम से राज्य उच्चतर शिक्षा परिषदों को जाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल 2018 को महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना लॉन्च की भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन के मौके पर नरेंद्र मोदी  ने यह योजना छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में लॉन्च की. इस योजना से देश के 10 करोड़ परिवारों और 50 करोड़ लोगों को लाभ प्राप्त होने की संभावना है.
आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के करीब 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा. यहां पर पहले चरण की आयुष्मान भारत योजना लॉन्च की गई है. योजना आरंभ के दौरान प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि देश में 1.5 लाख गांवों में हेल्थ और वेलनेस सेंटर खुलेंगे. यहां केवल बीमारी का इलाज ही नहीं होगा बल्कि स्वास्थ्य जांच की सुविधा भी मिलेगी.

भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने एनसीईआरटी, एनडीएमसी, उत्तरी एमसीडी और क्वालिटी लि. के साथ मिलकर स्कूलों में ‘प्रोजेक्ट धूप’ की शुरुआत की है. इसके तहत स्कूलों में सुबह की असेम्बली को 11:00 बजे से 1:00 बजे करने का आग्रह करते हुए 'प्रोजेक्ट धूप' की शुरुआत की गई है.
एफएसएसएआई द्वारा कराये गये अध्ययन में पता चला है कि भारत के 90 प्रतिशत स्कूली बच्चों में विटामिन डी की कमी है तथा उनकी हड्डियाँ सामान्य की अपेक्षा कमजोर हैं. दिल्ली के 90 से 97 प्रतिशत स्कूली बच्चों (6-17 वर्ष आयु वर्ग के) में विटामिन डी की कमी पाई गई है.

भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने अकेले मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान उड़ाकर इतिहास रचा. अवनी चतुर्वेदी ने गुजरात के जामनगर एयरबेस से उड़ान भरकर अपना मिशन पूरा किया. वह अकेले लड़ाकू विमान उड़ाने वाली वह भारत की पहली महिला बन गई हैं.
अवनी के इस मिशन से पहले ही पूरी तरह मिग-21 बाइसन एयरक्राफ्ट की जांच की. अवनी के मिग में सवार होने पर अनुभवी फ्लायर्स और प्रशिक्षकों ने जामनगर एयरबेस के एयर ट्रैफिक कंट्रोल और रन-वे पर लगातार नज़र बनाये रखी.

बॉलीवुड की पहली महिला सुपरस्टार के रूप में प्रसिद्ध श्रीदेवी का 24 फरवरी 2018 को दुबई में निधन हो गया. वे 54 वर्ष ही थीं. वे एक समारोह में भाग लेने परिवार सहित दुबई गयीं थीं. उनका पार्थिव शरीर 26 फरवरी को मुंबई लाया जा रहा है. श्रीदेवी ने अपने करियर में 200 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया. उन्होंने 54 वर्ष की आयु में से 50 वर्ष अभिनय एवं नृत्य को समर्पित किये. उन्होंने चार वर्ष की अल्पायु से ही अभिनय में कदम रखा था.
पांच फिल्मफेयर अवॉर्ड पाने वाली श्रीदेवी को 2013 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से भी सम्मानित किया जा चुका है. लगभग 15 वर्ष बॉलीवुड से दूर रहने के बाद उन्होंने 2012 में गौरी शिंदे के निर्देशन में बनी फिल्म ‘इंग्लिश विंग्लिश’ में अभिनय किया तथा वर्ष 2017 में मॉम में यादगार भूमिका निभाई.

विश्व के सुप्रसिद्ध भौतिक वैज्ञानिक एवं ब्रह्मांड के रहस्यों के बारे में बताने वाले महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का निधन हो गया. वे 76 वर्ष के थे. स्टीफन हॉकिंग के परिवार ने 13 मार्च 2018 को एक बयान जारी कर उनके निधन की पुष्टि की है. हॉकिंग के परिवार में उनके बच्चे लूसी, रॉबर्ट और टिम हैं.
स्टीफन हॉकिंग ने ब्रह्मांड के बहुत से अहम् रहस्यों के बारे में अपनी राय व्यक्त की थी जो विश्व भर में विशिष्ट स्थान रखती है. स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल और बिग बैंग सिद्धांत को समझने में अहम योगदान दिया है. उनके पास 12 मानद डिग्रियां थीं. स्टीफन हॉकिंग के कार्यों के चलते उन्हें अमेरिका का सबसे उच्च नागरिक सम्मान भी प्रदान किया जा चुका है.

गॉड पार्टिकल हिग्स बोसॉन की खोज करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिकविद लियोन लीडरमैन का अमेरिका के रेक्सबर्ग शहर में 03 अक्टूबर 2018 को निधन हो गया. वे 96 वर्ष के थे. लियोन लीडरमैन का जन्म 15 जुलाई 1922 को न्यूयॉर्क सिटी में हुआ था.
लीडरमैन को वर्ष 1988 में अधिक ऊर्जा वाले एक्सेलेरेटर की मदद से न्यूट्रिनॉज़ की बीम बनाने और न्यूट्रिनो के नए प्रकार 'म्यूऑन न्यूट्रिनो' के अस्तित्व को प्रमाणित करने के लिए संयुक्त रूप से भौतिकी का नोबेल मिला था. लीयोन लीडरमैन अमेरिका के प्रसिद्द वैज्ञानिक थे.

आजादी के बाद देश की पहली आईएएस अधिकारी अन्ना राजम मल्होत्रा का 17 सितम्बर 2018 को मुंबई के अंधेरी स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. वे 91 वर्ष की थीं. अन्ना राजम मल्होत्रा ने देश के कई महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी निभाई और देश की प्रगति में अपना योगदान दिया.
केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति के दौरान उन्हें जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) का कार्य मिला था. अन्‍ना राजम मल्‍होत्रा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला हैं. वे 1951 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने मद्रास कैडर का विकल्‍प चुना और तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री सी राजगोपालाचारी के नेतृत्‍व में मद्रास राज्‍य की सेवा की.

अमेरिका स्थित हॉलोकास्ट म्यूज़ियम ने 08 मार्च 2018 को म्यांमार की नेता आंग सान सू की को दिए गये प्रतिष्ठित मानवाधिकार सम्मान को वापिस लेने की घोषणा की है. हॉलोकास्ट म्यूज़ियम का आरोप है कि सू की रोहिंग्या मुस्लिमों पर हो रहे हमलों को रोकने एवं उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रही हैं.
म्यांमार में तानाशाह सैन्य शासन के दौरान 15 साल तक हिरासत में रह चुकी सू की वर्ष 2012 में यह मानवाधिकार सम्मान हासिल करने वाली दूसरी शख्सियत हैं. हॉलोकास्ट म्यूज़ियम ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता म्यांमार की नेता आंग सान सू की पर रोहिंग्या मुस्लिमों के जातीय सफाए को रोकने की कोशिश न करने और इसमें नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए उन्हें दिया गया प्रतिष्ठित मानवाधिकार सम्मान वापस लेने की घोषणा की.


तमिलनाडु की अनुकृति वास ने 19 जून 2018 को ‘फेमिना मिस इंडिया 2018’ का खिताब जीता. अनुकृति वास ने 29 प्रतियोगियों को हरा कर इस खिताब को जीता. इस प्रतियोगिता में मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर ने अनुकृति वास को ताज पहनाया. अनुकृति वास इससे पहले मिस तमिलनाडू 2018 का खिताब जीता था.
मुंबई में आयोजित हुए इस कॉन्टेस्ट में हरियाणा की रहने वाली मीनाक्षी चौधरी फर्स्ट रनर-अप बनीं और सेकेंड रनर-अप आंध्र प्रदेश की रहने वाली श्रेया राव बनीं. वहीं दिल्ली की रहने वाली गायत्री भारद्वाज, झारखंड की रहने वाली स्टेफी पटेल टॉप 5 में शामिल थीं.

भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वर्ष 2018 के 'सियोल शांति पुरस्कार' के लिए चयनित किया गया है. उन्हें यह पुरस्कार भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान के लिए दिया जायेगा.
पुरस्कार समिति ने भारत में अमीर और गरीब के बीच के सामाजिक और आर्थिक अंतर को कम करने के लिए उनकी 'मोदीनॉमिक्स' को सराहा है. सियोल शांति पुरस्कार सांस्कृतिक फाउंडेशन के चेयरमैन क्वॉन ई-हायोक की अध्यक्षता में सियोल के जंग-यू में हुई चयन समिति की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया.

फिलीपीन्स की 24 वर्षीय कैटरिओना इलिसा ग्रे (Catriona Elisa Gray) मिस यूनिवर्स 2018 चुनी गई हैं. इस खिताब को हासिल करने वालीं वह चौथी फिलीपीनी महिला हैं. बैंकॉक (थाईलैंड) में आयोजित हुई इस प्रतियोगिता में कैटरिओना ग्रे ने 93 प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ते हुए यह खिताब हासिल किया. वहीं, भारतीय प्रतियोगी नेहल चुडास्मा टॉप 20 के लिए भी क्वॉलिफाई नहीं कर सकीं.
मिस यूनिवर्स 2017 डेमी ले नेल-पीटर्स ने उन्हें ताज पहनाया. मिस यूनिवर्स 2018 प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहीं भारत की नेहल चुडासमा (Nehal Chudasama) शीर्ष 20 से बाहर हो गई हैं. मुंबई की रहने वाली 22 साल की नेहल 67वें मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में 94 प्रतिभागियों में से शामिल थीं.


मेघालय में ‘क्रेम पुरी’ नामक 24,583 मीटर लंबी दुनिया की सबसे लंबी रेतीले पत्थर की गुफा की खोज की गयी है. पूर्वोत्तर के राज्य मेघालय में दुनिया की सबसे बड़ी बलुआ पत्थर की गुफा है. यह भूमिगत गुफा, ईदो जूलिया, वेनेजुएला की विश्व रिकॉर्ड धारक ‘क्यूवा डेल समन’ नामक गुफा से 6,000 मीटर से अधिक लंबी है.
यह मेघालय एडवेंचरर्स एसोसिएशन (एमएए) द्वारा मापी गई है. गुफा की लंबाई की माप इस साल 5 फरवरी को शुरु की गई थी, जो कि हाल ही में पूरी हुई है. यह सामान्य श्रेणी में भारत की दूसरी सबसे लंबी गुफा भी बन गई है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 29 मार्च 2018 को GSAT-6A सैटेलाइट लॉन्च किया. इस सैटेलाइट को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष सेंटर से लॉन्च किया गया. यह सैटेलाइट अगले 10 वर्ष तक काम करेगा. इसे जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी-एफ08) से भेजा गया.
यह इस प्रक्षेपण यान की 12वीं उड़ान है. इसरो ने कहा कि उपग्रह की एक मुख्य बात मल्टी बीम कवरेज सुविधा के जरिये भारत को मोबाइल संचार प्रदान करना है. इसरो द्वारा तैयार आई-2के बस जिससे सैटेलाइट को 3119 वॉट पावर हासिल होती है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 12 अप्रैल 2018 को अपने अंतरिक्ष केन्द्र से पीएसएलवी-सी41 प्रक्षेपण यान द्वारा आईआरएनएसएस-1आई (IRNSS-1I) उपग्रह को सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में स्थापित किया.
इस प्रक्षेपण से 32 घंटे पूर्व उलटी गिनती आरंभ की गई थी जिसके बाद तड़के करीब चार बजकर चार मिनट पर पीएसएलवी-सी41 प्रक्षेपण यान आईआरएनएसएस-1आई उपग्रह को लेकर अंतरिक्ष के लिये रवाना हुआ और कुछ देर बाद उपग्रह को उसकी पूर्वनिर्धारित कक्षा में स्थापित कर दिया. इसरो की इस उपलब्धि को अपनी नैविगेशन श्रृंखला को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

स्वदेश निर्मित लड़ाकू विमान तेजस के नौसेना प्रोटोटाइप ने 02 अगस्त 2018 को विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर ‘डेक लैंडिंग’ परीक्षण के दौरान डेक से संपर्क बनाकर बड़ी उपलब्धि हासिल की. इसके साथ ही भारत लड़ाकू विमानों की डेक लैंडिंग कराने वाले अमेरिका, यूरोप, रूस और चीन जैसे चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया.
हिन्दुस्तान ऐनोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने भी एक वक्तव्य जारी कर कहा कि इस सफल अभ्यास के बाद भारत डेक लैंडिंग कराने वाले दुनिया के चुनिंदा देशों अमेरिका, यूरोप, रूस और चीन की श्रेणी में शामिल हो गया. कैप्टन शिवनाथ दहिया ने गोवा में नौसैनिक स्टेशन आईएनएस हंसा में तेजस का विमानवाहक पोत के डेक से सफलतापूर्वक संपर्क कराया और तुरंत फिर से उड़ान भरी.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगल ग्रह की संरचना को गहराई से समझने के अपने महत्वपूर्ण मिशन के तहत एक और सफल कदम बढ़ाते हुए दो मिनी सेटेलाइटों के साथ ‘इनसाइट’ यान का प्रक्षेपण किया. यह यान इस वर्ष नवंबर में मंगल की सतह पर उतरेगा.
एटलस-पांच रॉकेट के माध्यम से इस यान का कैलिफोर्निया के वैंडनबर्ग एयर फोर्स स्टेशन से सफल प्रक्षेपण किया गया.  नासा के अध्यक्ष जिम ब्रिडेंस्टाइन ने वैज्ञानिकों की टीम को बधाई दी तथा बयान जारी किया कि इस यान के प्रक्षेपण से मंगल के बारे में नयी और सटीक जानकारियां मिलेंगी.


रूस ने 19 मई 2018 को विश्व का पहला तैरता हुआ परमाणु ऊर्जा संयंत्र लॉन्च किया. अब तक किसी भी देश के पास इस प्रकार की तकनीक नहीं थी. रूस ने इसे मुरमंस्क शहर के एक बंदरगाह से समुद्र में उतारा. इसका नाम ‘एकेडेमिक लोमोनोसोव’ (akademik lomonosov) है.
यह रूसी जहाज एक परमाणु रिएक्टर है. जो अगले एक साल तक समुंद्र के सफर पर रहेगा. अपने सफर के दौरान सबसे पहले यह पूर्वी रूस के शहर पेवेक जाएगा. इसको पूर्वी साइबेरिया ले जाने से पहले बंदरगाह पर सयंत्र में परमाणु ईंधन भरा जाएगा.

राजस्थान भारत सरकार की राष्ट्रीय बायोफ्यूल नीति (जैव ईंधन नीति) 2018 को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. इंदिरा गांधी पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान में बायोफ्यूल प्राधिकरण उच्चाधिकार समिति की चतुर्थ बैठक में बायोफ्यूल नीति 2018 को प्रदेश में लागू करने को अनुमोदन किया.
राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति-2018 का उद्देश्य घरेलू स्तर पर जैव ईधन का उत्पादन को बढावा देना है. बायोफ्यूल नीति के तहत इसके उपयोग के प्रति आमजन को जागरूक करने एवं तैलीय बीजों का उत्पादन बढाने के साथ उसके फायदों व मार्केटिग व्यवस्था के व्यापक प्रचार-प्रसार जोर दिया जाएगा.


भारत की सामरिक परमाणु पनडुब्बी अर्थात् न्यूक्लियर पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत ने 05 नवंबर 2018 को अपना पहला गश्ती अभियान सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर न्यूक्लियर पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के अधिकारियों और कर्मियों से मुलाकात की.
पनडुब्बी अरिहंत के इस अभ्यास से भारत के नाभिकीय त्रिकोण की पूर्ण स्थापना हुई. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा इस मौके पर मैं आईएनएस अरिहंत के क्रू और उन सभी को बधाई देता हूं जो उस काम में शामिल रहे हैं जो इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि यह उपलब्धि भारत को उन गिने-चुने देशों की अग्रिम पंक्ति में खड़ी करती है जो एसएसबीएन को डिज़ाइन करने, उसे बनाने और उसके संचालन करने की क्षमता रखते हैं.

जापान ने पहली बार विवादित दक्षिण चीन सागर में पनडुब्बी अभ्यास किया है. यह सैन्य अभ्यास हालांकि चीन के दावे वाले जलक्षेत्र से दूर किया गया. मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स की पनडुब्बी कुरोशियो ने अन्य जंगी जहाजों के साथ दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यास किया.
इस सैन्य अभ्यास में कागा हेलीकॉप्टर पोत समेत जापानी युद्धपोतों ने भी हिस्सा लिया. यह पोत इस समय दो महीने के लिए दक्षिण-पूर्व एशिया और हिद महासागर क्षेत्र की यात्रा पर है. यह पहला मौका है जब जापानी नौसेना ने दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में सैन्य अभ्यास शुरू किया है. रक्षा मंत्रालय ने एक अन्य बयान में कहा कि 80 चालकों के साथ कुरोशियो पनडुब्बी 17 सितम्बर 2018 से केम रान्ह खाड़ी के समीप वियतनाम के सामरिक नौसेना ठिकाने पर पांच दिनों तक रहेगा.

चीन ने हाल ही में पहली बार एक साथ हाइपरसॉनिक विमान के तीन मॉडलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. चीन लगातार अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने में लगा हुआ है. परमाणु हथियार ढोने में सक्षम किसी भी विमान को रोकने के लिए इसकी स्पीड को जरूरत के मुताबिक घटाया और बढ़ाया जा सकेगा.
चीन में जीउक्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से विमानों के तीन मॉडलों का परीक्षण किया गया. विमान के तीनों मॉडल की अलग-अलग डिजाइन है. तीनों को डी 18-1एस, डी18-2एस और डी-18 3 एस कोड नाम दिया गया है. इसे गुब्बारे के सहारे छोड़ा गया था.


आईआईटी, खड़गपुर के शोधकर्ताओं द्वारा किये गये अध्ययन में यह पाया गया है कि सिंधु घाटी सभ्यता का अंत सैंकड़ों वर्षों के भयंकर सूखे के कारण हुआ. शोधकर्ताओं ने लगभग 4350 साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता के खत्म होने की वजह बने सूखे की अवधि का पता लगाया है. आईआईटी खड़गपुर के वैज्ञानिकों को एक शोध में पता चला है कि यह सूखा कुछ साल या कुछ दशक नहीं बल्कि पूरे 900 साल तक चला था.
आईआईटी, खड़गपुर के भूगर्भशास्त्र और भूभौतिकी विभाग के शोधकर्ताओं ने पिछले लगभग 5000 साल के दौरान मॉनसून के पैटर्न का अध्ययन किया और पाया कि लगभग 900 साल तक उत्तर पश्चिम हिमालय में बारिश न के बराबर हुई.

ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी (ग्लोबोकेन) द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में पिछले छह वर्षों में भारी वृद्धि दर्ज की गई है. यह आंकड़े वर्ष 2012 से 2018 तक के हैं. इन आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 में लगभग 11.57 लाख कैंसर के मामलें दर्ज किये गए, जो कि वर्ष 2012 में दर्ज 10 लाख मामलों की तुलना में 15.7 प्रतिशत अधिक हैं.
वर्ष 2012 में कैंसर के कारण सात लाख लोगों की मौत हुई थी जबकि वर्ष 2018 में कैंसर के कारण होने वाली मौतों की संख्या में 12.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार होंठ और ओरल कैंसर की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि देखने को मिली है. वर्ष 2012 की तुलना में अब तक 114.2% की वृद्धि दर्ज की गई है. वर्ष 2018 में 1.62 लाख स्तन कैंसर के मामले सामने आए जो कि वर्ष 2012 की तुलना में10.7 प्रतिशत अधिक हैं. वर्ष 2012 के 1.45 लाख मामले सामने आये थे.

भारत और अमेरिका ने 06 सितम्बर 2018 को नई दिल्ली में पहली बार टू प्लस टू (2+2) वार्ता का आयोजन किया. टू प्लस टू बैठक में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत अमेरिका की अफगान नीति का समर्थन करता है. इसके बाद सुषमा स्वराज ने भारत और अमेरिका की ज्वाइंट प्रेस स्टेटमेंट में मीडिया को संबोधित किया.
इस मीटिंग में दोनों देशों के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री शामिल हुए. इस मीटिंग में शामिल होने के लिए अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस और विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो 05 सितंबर को दिल्ली पहुंचे थे. अमेरिका ने दो बार इस मीटिंग को टाल चुका है. ये मीटिंग पहले अप्रैल में होनी थी, फिर जून में और अब आखिरकार ये 6 सितंबर को होने वाली है.

वर्ल्ड वाइड फंड फोर नेचर (WWF) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार गंगा विश्व की सबसे अधिक संकटग्रस्त नदियों में से एक है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि लगभग सभी दूसरी भारतीय नदियों की तरह गंगा में लगातार पहले बाढ़ और फिर सूखे की स्थिति पैदा हो रही है.
देश के सबसे पवित्र स्थानों में शामिल ऋषिकेश, हरिद्वार, प्रयाग और काशी, गंगा के तट पर स्थित हैं. इसके अलावा केदारनाथ, बद्रीनाथ और गोमुख गंगा और उसकी उपनदियों के किनारे स्थित तीर्थ स्थानों में से एक हैं. रिपोर्ट के अनुसार गंगा ऋषिकेश से ही प्रदूषित हो रही है. गंगा के किनारे लगातार बसायी जा रही बस्तियों चन्द्रभागा, मायाकुंड, शीशम झाड़ी में शौचालय तक नहीं हैं. इसलिए यह गंदगी भी गंगा में मिल रही है.

विश्व बैंक द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बिजली वितरण में पिछले कुछ साल से उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद भारत अभी भी विद्युत की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये चुनौतियों का सामना कर रहा है तथा भरोसेमंद आपूर्ति अभी भी कम है.
बिजली के विषय में विश्वबैंक की क्षेत्रीय रिपोर्ट ‘इन द डार्क: हाऊ मच डू पावर सेक्टर डिस्टॉर्शन्स कॉस्ट साऊथ एशिया’ के अनुसार भारत ने पिछले कुछ साल में घरों में बिजली पहुंचाने तथा बिजली कमी दूर करने में उल्लेखनीय प्रगति की है. विश्व बैंक द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 137 देशों में से भारत भरोसेमंद बिजली आपूर्ति के लिए 80वें स्थान पर है.

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को अपने परिसरों में जंक फूड की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है. यूजीसी ने विभिन्न विश्वविद्यालय और कॉलेजों को इस संदर्भ में निर्देश जारी किया है. यह पत्र मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक निर्देश के बाद जारी किया गया है.
मंत्रालय ने यूजीसी को उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसरों में जंक फूड की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था. यूजीसी ने कहा की कॉलेजों में जंक फूड को प्रतिबंधित करना नए मानदंड स्थापित करेगा, छात्रों के जीवन को बेहतर बनाएगा, सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाएगा और उनमें मोटापे को कम करेगा. यह छात्रों को रोगों से बचाएगा.

गोल्ड कोस्ट (ऑस्ट्रेलिया) में हुए 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स का 15 अप्रैल 2018 को समापन हो गया, जिसमें कुल 66 पदक जीतने वाला भारत 26 स्वर्ण के साथ तीसरे स्थान पर रहा. 80 स्वर्ण समेत 198 पदक जीतने वाला ऑस्ट्रेलिया पदकतालिका में पहले स्थान पर और 45 स्वर्ण समेत 136 पदक जीतने वाला इंग्लैंड दूसरे स्थान पर रहा. भारत वर्ष 2010 में दूसरे स्थान पर था. भारत की दिग्गज मुक्केबाज एम सी मेरीकॉम राष्ट्रमंडल खेलों के समापन समारोह में भारत की ध्वजवाहक रहीं.बर्मिंघम  में वर्ष 2022 में 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन किया जायेगा.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र बाल निधि (यूनिसेफ) सहित वैश्विक गठबंधन की एक नई रिपोर्ट के अनुसार समयपूर्व पैदा हुए लगभग तीन करोड़ बच्चे मौत की कगार पर हैं. इन बच्चों को जीवित रखने के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता है.
यह रिपोर्ट ‘जीवित रहें और बढ़ें: हर छोटे एवं बीमार नवजात शिशु देखभाल में सुधार’ नाम से प्रकाशित की गई है. समय से पूर्व पैदा होने वाले बच्चों में कई प्रकार की समस्याएं देखने को मिलती हैं. इनमें ज्यादातर समस्याएं प्रसव के दौरान बच्चों की देखभाल करने की होती है.

असम सरकार द्वारा कड़ी सुरक्षा के बीच असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजन्स - एनआरसी) के दूसरे एवं अंतिम मसौदा को जारी कर दिया गया है. इसे इसलिए जारी किया गया है ताकि असम में अवैध तौर पर रह रहे लोगों का पता लगाया जा सके.
केंद्र सरकार ने भी असम और आसपास के राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की 220 कंपनियां भेजी हैं. सीमाओं पर केंद्रीय बलों के अलावा इंडियन रिज़र्व बटालियन (आईआरबी) की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गई हैं.

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) की सूची में भारत 57वें नंबर पर है, पिछले साल भारत 60वें नंबर पर था. चीन विश्व के शीर्ष 20 सर्वाधिक नवोन्मेषी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है.
यह सालाना रैकिंग कॉर्नेल विश्वविद्यालय, आईएनएसईएडी और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) द्वारा 10 जुलाई 2018 को प्रकाशित की गई. स्विटजरलैंड ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) में शीर्ष स्थान पर बरकरार है. मध्य और दक्षिण एशिया क्षेत्र में भारत शीर्ष पर है. जबकि दुनिया भर की रैकिंग में भारत 57वें स्थान पर है.

आंचल ठाकुर स्कीइंग में अंतराष्ट्रीय पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय बन गई हैं, साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्कीइंग में भारत का यह पहला पदक है. आंचल ठाकुर ने तुर्की में हुई एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्कीइंग प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता है. आंचल ठाकुर ने 'अल्पाइन एडर-3200 कप' टूर्नामेंट में यह पदक अपने नाम किया है.
स्कीइंग बर्फ़ पर यात्रा करने की एक विधि है जिसमें पाँव के नीचे स्की (लकड़ी, धातु या प्लास्टिक के तंग तख़्ते) बांधकर उन्हें बर्फ़ पर फिसलाया जाता है. आधुनिक युग में यह एक प्रकार का खेल माना जाता है. इसमें ऐसे जूते पहने जाते हैं जो विशेष कुंडियों के ज़रिये नीचे स्कीओं से जुड़ जाते हैं.

रोहित शर्मा 01 नवम्बर 2018 को तिरुवनंतपुरम में वेस्ट इंडीज के खिलाफ पांचवें मैच के दौरान वनडे इतिहास में सबसे तेज़ 200 छक्के लगाने वाले खिलाड़ी बन गए. रोहित शर्मा ने विंडीज के खिलाफ पांचवें और अंतिम वनडे में अपनी नाबाद 63 रन की पारी में चार छक्के लगाने के दौरान यह उपलब्धि हासिल की.
हिटमैन के नाम से मशहूर रोहित शर्मा ने बल्लेबाजी करते हुए जैसे ही दूसरा छक्का जड़ा वह एकदिवसीय क्रिकेट में छक्कों का दोहरा शतक जड़ने वाले खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए. रोहित शर्मा यह उपलब्धि हासिल करने वाले महेंद्र सिंह धोनी के बाद दूसरे भारतीय और ओवरऑल 7वें बल्लेबाज बन गए हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2018 को मोदी सरकार को बड़ी राहत देते हुए राफेल डील की जांच और इस मामले में केस दर्ज किए जाने को लेकर दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि कीमत देखना कोर्ट का काम नहीं है. इसी के साथ, सौदे को लेकर दायर की गई सभी याचिकाओं को कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
इस मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि राफेल की खरीद प्रक्रिया में कोई कमी नहीं है. चीफ जस्टिस ने कहा कि हम सरकार को 126 विमानों की खरीद के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2018 को निर्देश जारी करते हुए कहा कि देशभर में 01 अप्रैल 2020 से भारत स्टेज-4 (बीएस-4) श्रेणी के वाहन नहीं बेचे जाएंगे न ही इनका पंजीकरण होगा.
भारत स्टेज उत्सर्जन मानक वे मानक हैं जो सरकार ने मोटर वाहनों से पर्यावरण में होने वाले प्रदूषक तत्वों के नियमन के लिए बनाए हैं. भारत स्टेज-6 (या बीएस-6) उत्सर्जन नियम एक अप्रैल, 2020 से देशभर में प्रभावी हो जाएंगे.

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आगरा प्रशासन के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने कहा कि ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है और लोग दूसरी मस्जिदों में भी नमाज पढ़ सकते हैं.
ताजमहल मस्जिद प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सैयद इब्राहीम हुसैन जैदी ने अपनी याचिका में आगरा प्रशासन के 24 जनवरी 2018 के आदेश को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने सवाल किया, ‘‘इस नमाज के लिये उन्हें ताजमहल में ही क्यों जाना चाहिए, और भी दूसरी मस्जिदें हैं, वे वहां नमाज पढ़ सकते हैं.” सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है और इसलिए ताजमहल परिसर में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 19 सितंबर 2018 को ट्रिपल तलाक को अपराध के दायरे में लाने वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट ने ट्रिपल तलाक से जुड़े अध्यादेश को मंजूरी देते हुए राष्ट्रपति के पास भेजा था. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब ट्रिपल तलाक अपराध की श्रेणी में माना जाएगा.
यह अध्यादेश 6 महीने तक लागू रहेगा. इस दौरान सरकार को इसे संसद से पारित कराना होगा. सरकार के पास अब बिल को शीत सत्र तक पास कराने का वक्त है. तीन तलाक देना अब अपराध है. बता दें कि तीन तलाक विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है लेकिन राज्यसभा में लंबित है. कांग्रेस सहित विपक्ष के कुछ दल इस विधेयक के कुछ प्रावधानों में बदलाव की मांग करते रहे हैं.

प्रेषित:अध्यापक की सोच
स्रोत: जागरण जोश