सोमवार, 22 जनवरी 2018

क्या होते हैं म्यूच्यूअल फंड्स ?

म्यूचुअल फंड्स क्या होते हैं? और ये कैसे काम करते हैं?

What are Mutual Funds in Hindi
सबसे पहले,
Mutual Funds क्या होते हैं?
म्यूचुअल का अर्थ होता है “आपस में” या “आपस का” और फण्ड का अर्थ है “पूंजी” या “कोष”, यानी म्यूचुअल फण्ड कुछ ऐसा है जिसमे लोग आपस में मिलकर एक कोष बनाते हैं.
हम इसे ऐसे समझ सकते हैं कि-
 ➡ म्यूचुअल फंड एक investment vehicle होता है जो कई निवेशकों से इकठ्ठा किए गए पैसों को मिला कर बना होता है. इसका उद्देश्य इन पैसों को शेयरों, बांडों, मुद्रा बाजार के साधनों और अन्य assets में निवेश करने का होता है.
म्युचुअल फंड प्रोफेशनल मनी मैनेजर्स द्वारा ऑपरेट होते हैं, जो फंड के निवेश को allocate करते हैं ताकि वे निवेशकों को लाभ पहुंचा सकें.
हर एक म्यूचुअल फण्ड का कोई specific objective होता है जो उसके प्रॉस्पेक्टस में बताया गया होता है या आप online उसके बारे में search कर सकते हैं.
For example: किसी फण्ड का ऑब्जेक्टिव हो सकता है कि वो सारे पैसे equities में लगाए, तो किसी का objective 100% allocation fixed-income securities में करने का हो सकता है, तो कोई और debt और equities दोनों में पैसे allocate करके एक balanced approach ले सकता है.

एक म्यूचुअल फण्ड कैसे सेटअप किया जाता है?

एक म्यूचुअल फण्ड एक ट्रस्ट के फॉर्म में सेटअप किया जाता है, जिसमे-
  • स्पॉनसर,
  • ट्रस्टी,
  • एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) और
  • कस्टोडियन शामिल होते हैं.
ट्रस्ट एक या एक से अधिक स्पॉनसर्स द्वारा बनाया जा सकता है जो किसी कंपनी के प्रमोटर की तरह होता है. म्यूचुअल फण्ड के ट्रस्टीज यूनिट होल्डर्स (जो लोग म्यूचुअल फण्ड खरीदते हैं)  के लाभ के लिए  उसकी प्रॉपर्टी की देखभाल करते हैं. SEBI द्वारा मान्यता प्राप्त AMC विभिन्न investments के माध्यम से फण्ड मैनेज करती है.

Mutual Funds के example:

भारत के लीडिंग म्यूचुअल फंड्स हैं –

Mutual Funds के प्रकार क्या हैं? / Types of Mutual Funds in Hindi

MF schemes को हम मोटे तौर पर उनके structure और investment objective के आधार पर divide कर सकते हैं-
स्ट्रक्चर के आधार पर MF दो प्रकार के होते हैं-
  • Open-ended Funds
एक ओपन-एंडेड फण्ड पूरे साल के दौरान subscription के लिए उपलब्ध रहता है. इसकी कोई फिक्स्ड मैच्योरिटी नहीं होती. निवेशक आसानी से इसे कभी भी as per NAV इन्हें खरीद बेच सकते हैं. NAV के बारे में हम इसी पोस्ट में आगे बात करेंगे.
  • Close-ended Funds
क्लोज-एंडेड फण्ड की पहले से निर्धारित मैच्योरिटी अवधि होती है जो 3 से 15 साल तक हो सकती है. यह फण्ड new fund offer के दौरान खरीदा जा सकता है.
Investment Objective के आधार पर mutual funds निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं-
  • ग्रोथ फंड्स
इनका लक्ष्य मीडियम से लॉन्ग टर्म में capital appreciation provide करने का होता है. इसमें मुख्यतः equities में निवेश किया जाता है.
  • इनकम फंड्स
इनका लक्ष्य निवेशकों को नियमित और स्थिर आय प्रदान करना होता है. इसमें मुख्यतः fixed income securities, जैसे कि बॉन्ड, कॉरपोरेट डिबेंचर और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं।
  • बैलेंस्ड फंड्स
इस फण्ड का उद्देश्य growth और regular income दोनों ही प्रोवाइड करने का होता है. इसमें equities और fixed income securities दोनों में ही निवेश किया जाता है.
  • मनी मार्केट फंड्स
इस फण्ड का लक्ष्य easy liquidity, पूंजी का संरक्ष्ण, और आय प्रदान करना होता है. इसमें ट्रेजरी बिल, सर्टिफिकेट ऑफ़ डिपाजिट और कमर्शियल पेपर में निवेश करते हैं।

Net Asset Value (NAV) क्या होती है?

जब भी Mutua Funds की बात होती है तब एक टर्म जो बार-बार use होता है वो है- NAV. इसलिए इस टर्म को समझना ज़रूरी है.
एक MF कई जगह पैसे इन्वेस्ट करता है इसलिए at any point of time अगर आपको
  • उस MF की यूनिट्स खरीदनी है
  • बेचनी है, या
  • बस जानना है कि आपका निवेश कैसा परफॉर्म कर रह है
तो आपके लिए MF के अलग-अलग निवेशों को ट्रैक करके per unit price पता करना practically feasible नहीं है. ऐसे में आपके पास कोई ऐसा इंडिकेटर होना चाहिए जो फौरन इन प्रश्नों का उत्तर दे सके. और NAV ठीक यही काम करता है.
किसी MF की NAV वो प्राइस है जिससे उस MF Scheme की एक यूनिट खरीदी या बेची जा सकती है.
For example: किसी date पर अगर MF की NAV 50रु है तो उस दिन कोई इन्वेस्टर 50 रु per unit के हिसाब से इसकी यूनिट्स खरीद सकता है;  और यदि उसके पास पहले से ही इसकी यूनिट्स हैं तो इसी रेट पर वो अपनी यूनिट्स बेच सकता है.
साथ ही कोई पुराना इन्वेस्टर जान सकता है कि उसका निवेश कैसा परफॉर्म कर रहा है. जैसे, मान लीजिये जब उसने MF buy किया था तब NAV 25रु थी और आज वो 50रु है तो इसका मतलब उसके पैसे डबल हो गए हैं.
 💡  SEBI की guidelines के अनुसार सभी म्यूचुअल फंड्स को हर दिन अपनी NAV publish करनी होती है.
Note: NAV एक important concept है पर unfortunately इससे जुड़े बहुत से Myths भी हैं. इसलिए मैं इसे अलग से एक पोस्ट में एक्सप्लेन करूँगा

ये समझाएं कि हम म्यूचुअल फण्ड में जो पैसा देते हैं उसका क्या होता है?

Suppose करिए आपने किसी Mutual Fund में 1000 रु निवेश किये जिसकी NAV 100 रु है.
इसका मतलब, आपको इस फण्ड के 1000/100=10 units मिल जायेंगे*.
अब आपका पैसा बाकी के हज़ारों-लाखों इन्वेस्टर्स के साथ जोड़ दिया जाता है और इस फण्ड को मैनेज करने वाली AMC उन्हें अलग-अलग financial instruments में निवेश करती है.
समझने में आसानी हो इसलिए हम मान लेते हैं कि इस म्यूचुअल फण्ड का सारा पैसा पांच ब्लूचिप कम्पनियों में बराबर-बराबर लगा हुआ है. और विभिन्न निवेशकों के माध्यम से AMC के पास 1 करोड़ रु  इकठ्ठा हो गए हैं.
तो अब होगा क्या कि AMC 20-20 लाख रुपये से उन पांच कंपनियों के शेयर खरीद लेगी. और इस तरह से आपके 1 हज़ार रुपये भी बराबर-बराबर इन कंपनियों में लग जायेंगे, i.e, हर कम्पनी में दो-दो सौ रुपये.
*वास्तविकता में AMC कुछ एक्स्पेंसेस deduct करने के बाद ही पैसे निवेश करेगी.


म्यूचुअल फण्ड में फायदे के chances अधिक क्यों होते हैं?
क्योंकि यहाँ आपका पैसा किसी एक चीज में नहीं लगा होता. जिसके अच्छा या बुरा परफॉर्म करने पर आपको फायदा-नुक्सान हो. बल्कि यहाँ experienced professionals द्वारा चुनी हुई कई कंपनियों में आपका पैसा निवेश होता है.
म्यूचुअल फंड्स क्या होते हैं What are Mutual Funds in Hindi
For example: अगर हम 100% Equity allocation वाले म्यूचुअल फण्ड की बात करें तो आपके पैसे बहुत सारी कंपनीज के शेयर्स में लगे होते हैं ऐसे में अगर कुछ कंपनीज भी अच्छा perform कर जाती हैं तो आपको फायदा मिल जाता है. और अगर आप SIP मोड में निवेश कर रहे हैं तो अच्छे returns के chances और भी बढ़ जाते हैं.

हम म्यूचुअल फण्ड में कैसे निवेश कर सकते हैं?

इसके लिए आप किसी financial adviser या म्यूचुअल फण्ड एजेंट से मिल सकते हैं. आप direct mutual fund की साईट पर जाकर online भी निवेश कर सकते हैं. अगर मैं अपनी बात करूँ तो शुरू में मैं financial advisers की मदद से निवेश करता था पर अब मैं खुद online ही इन्वेस्टमेंट कर लेता हूँ.
आप ये कैसे कर सकते हैं इसके बारे में हम personal finance की अगली  पोस्ट में बात करेंगे.

अगर म्यूचुअल फण्ड में निवश करना है तो कम से कम कितने पैसों की आवश्यकता होगी?

आप सिर्फ 500 रु से ही MF में investment की शुरुआत कर सकते हैं.

MF में निवेश करने के लिए किन documents की ज़रुरत पड़ती है?

  • Pan Card ( Per Annum 50 हज़ार से अधिक के निवेश के लिए ये mandatory है)
  • आधार कार्ड or any other address proof like ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, etc
  • फोटोग्राफ

क्या MF में निवेश करने से पहले KYC process ज़रूरी है?

जी हाँ, MF में निवेश करने से पहले हर एक निवेशक को KYC, यानी Know Your Customer (KYC) process complete करना होता है. इसके लिए आपको mandatory documents (  के  एड्रेस और आईडी प्रूफ ) के साथ खुद मौजूद होना होता है.

क्या KYC process online भी किया जा सकता है?

जी हाँ, इसे E-KYC कहते हैं. यह आपके AADHAR या PAN Card द्वारा घर बैठे हो सकता है.
Aadhar-based e-KYC में आपको अपना आधार नंबर, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और इस नंबर पर आये OTP (one time password) की ज़रुरत पड़ती है. इस प्रोसेस में आपको अपने आधार कार्ड की scanned self-attested copy अपलोड करनी पड़ती है.
PAN-based e-KYC में आपको ऑनलाइन एक फॉर्म भरना होता है, उसका प्रिंटआउट लेना होता है और अपने फोटोग्राफ और सिग्नेचर के साथ उसकी एक स्कैन्ड कॉपी अपलोड करनी होती है. इसके अलावा आपको अन्य relevant documents भी अपलोड करने होते हैं. इसके बाद आपका in-person verification वेब कैमरा या आपके smart phone के जरिये कर लिया जाता है.

क्या म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के कुछ charges भी हैं?

जी हाँ, आपका निवेश मैनेज करने के लिए AMCs आपसे transaction charge, exit load, इत्यादि charges लेती है. यह चार्ज आपके कुल निवेश का अधिकतम 2.5% तक हो सकता है.

आखिर MF भी शेयर बाज़ार में निवेश करते हैं तो क्यों न हम MF की बजाये directly share market में निवेश करें?

MF share market में निवेश करते हैं पर उनका ये निवेश qualified fund managers के माध्यम से होता है जो इस चीज के expert होते हैं. साथ ही MFs एक साथ बहुत सारी companies के stocks में निवेश करते हैं, जिससे हमारा इन्वेस्टमेंट diversify हो जाता है और रिस्क कम हो जाता है.
एक आम निवेशक के लिए बाज़ार के उतार-चढ़ाव पर नज़र रखना और समझ पाना संभव नहीं है इसलिए ऐसे लोगों के लिए MF एक बेहतर विकल्प है.
तो दोस्तों ये थी Mutual Funds से जुडी कुछ ख़ास जानकारी. I am sure, इसे पढने के बाद आप में से बहुत से लोग म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट करना चाहेंगे और आपके इस काम को आसान बनाने के लिए मैं personal finance series के अपने नेक्स्ट आर्टिकल “Mutual Funds में इन्वेस्ट कैसे करें?” में डिटेल  में बात करूँगा.
Till then take care…save money…invest wisely!
Thank You
पोस्टेड बाय: अध्यापक की सोच

बुधवार, 17 जनवरी 2018

List of Engineering Entrance Exams

List of Engineering Entrance Exams in India


Engineering Exams in India
Students appearing for national-level Joint Entrance Exam for admissions to IITs alone are more than 12, 00,000. This is just for the single exam which shows the level of competition among engineering aspirants. Where, JEE is the most sought after the exam for admissions in engineering but the competition for JEE advanced which is another level for admissions to limited seats of IIT, IIITs, NITs, and CFTIs. Only, 2, 24,000 aspirants will be shortlisted for the next level of IIT JEE and thereafter, students who will qualify the JEE Advanced will be able to get admission the prominent engineering Institutes. Engineering is definitely a dream career and by looking at the competition level we can assume the desire of engineering aspirants. Therefore, we bring here the list of all engineering entrance exams in India which aspirants can qualify to pursue their career in engineering.


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These engineering entrance exams are conducted at national level, state level as well as university level. Check the complete and updated list of engineering entrance exams in India as provided below – 
  
National Level Engineering Entrance Exams in India- Students qualifying in these national level engineering entrance exams can get admissions to engineering institutes across the country as a qualifying test score or All India Ranks of these exams is accepted by many prominent governments funded (state and centrally), private colleges and technical institutions of India.


State Level Engineering Entrance Exams in India - Through these state level engineering entrance exams, students can get admission to state government funded, self financing and private engineering institutes of the state. Check the complete list of state level engineering entrance tests - 

University Level Engineering Entrance

Exams in India- Students can check here list of engineering entrance exams at University level for admissions to Bachelor courses in Engineering and Technology - 

सोमवार, 15 जनवरी 2018

ब्लड ग्रुप के साथ बनता है स्वभाव

ये हम सब जानतें है कि चार प्रकार के ब्लड ग्रुप होते हैं A, B, AB और O, जिन्हें A+, A- , B+ , B- , AB+, AB-, O+ और O- समूहों में बांटा गया हैl परन्तु आप इस बात से वाकिफ नहीं होंगे कि ये ब्लड ग्रुप हमारे स्वभाव के बारे में भी बताते हैंl 

 

क्या अपने कभी अपना ब्लड ग्रुप चेक करवाया है, अगर नहीं तो करवा लें क्योंकि इस लेख के बाद आपको अपने आसपास के लोगों के बारे में और भी काफी जानकारी मिल जाएगीl वैज्ञानिक तौर पर भी यह प्रमाणित किया जा चुका है कि अगर व्यक्ति अपनी डाइट ब्लड ग्रुप के हिसाब से ले तो कम बिमारियों का शिकार होंगे और अंदरूनी तौर पर भी मजबूत रहेंगेl वास्तव में ब्लड ग्रुप के आधार पर लोगों की पर्सनालिटी को बताना जापानी ज्योतिष विद्या का हिस्सा है।

सबसे पहले शुरू करते है O ब्लड ग्रुप से :

O+ ब्लड ग्रुप

- इस ग्रुप के लोग दूसरों की मदद करने में विश्वास रखते हैंl 

- इनका मन आईने की तरह साफ होता है और दूसरों की सहायता में यह अपना जीवन भी बिता सकते हैंl 

- ये काफी मिलनसार और बातें करने वाले इंसान होते हैंl 

- ये काफी हसमुख होते हैं और मस्त रहते हैंl  

खामियां 

- यह लोग नये विचारों को आसानी से स्वीकार नहीं कर पाते हैंl 

- खुद के अलावा दुसरो को ज्यादा अहमियत नहीं देते हैंl 

O+ ब्लड ग्रुपवाले लोग उन सभी को ब्लड दे सकते हैं, जिनका ब्लड ग्रुप पॉज़िटिव है और O+ ब्लड ग्रुपवाले O- ग्रुपवाले से ब्लड ले सकते हैंl

O- ब्लड ग्रुप

 

- इस ग्रुप के लोग भी लोगो की मदद करने में विश्वास रखते हैंl 

- वे मिलनसार और हसमुख होते हैं और इनकी सोच संकरी होती हैl

खामियां 

- इस ग्रुप वाले लोग दूसरों के बारे में अधिक सोचते नहीं है क्योंकि खुद के अलावा दूसरों के बारें में इनको खयाल नही रहता हैl 

- ये लोग नए विचारों को भी आसानी से स्वीकार नही कर पाते हैंl  

- ये लोग बिना लाग-लपेट की बातें करते हैं इसलिए आलोचना के शिकार होते हैंl

O- ब्लड ग्रुपवाले लोगों को यूनिवर्सल डोनर कहा जाता हैl इस ग्रुप के लोग किसी भी ब्लड ग्रुप के लोगों को ब्लड दे सकते है परन्तु केवल O- ग्रुप से ही ब्लड ले सकते हैंl 

A+ ब्लड ग्रुप  

- इस ब्लड ग्रुप के लोगों में अच्छे लीडर होने के गुण होते हैं और अच्छी नेतृत्व क्षमता भी देखी जाती हैंl 

- ये सबको साथ लेकर चलते हैंl 

- सबका विश्वास भी हासिल करने में यकीन रखते हैंl 

- ये लोग काफी बुद्धिमान होते हैंl 

खामियां 

- इस ग्रुप के लोग बिना लाग-लपेट की बातें करते हैं इसलिए आलोचना के शिकार होते हैंl

- इन्हें बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है परन्तु यह क्षणिक होता हैl 

- बहुत खर्चीले होते हैंl 

A+ और AB+ ग्रुपवालों को ब्लड दे सकते हैंl परन्तु क्या आप जानते उन्हें A, O+ और O- ब्लड चढ़ाया जा सकता हैl

A-ब्लड ग्रुप  

- इस ग्रुप के लोग मेहनती होते हैं और इनको लगता है कि मेहनत से हर काम सफल होता हैl  

- यह कठिन से कठिन काम करने में पीछे नहीं हटते हैं और लगातार काम करने से कोई परहेज़ भी नही करते हैंl 

- कुछ भी काम करने से पहले प्लान करते हैं, इसीलिए सफल होते हैंl 

- अन्दर से काफी मजबूत होते हैं और छवि भी आकर्षक होती हैl 

खामियां 

- इन लोगों को बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है परन्तु यह क्षणिक होता हैl

- ये लोगों के बहकावे में जल्दी आ जाते हैंl

- ये लोग पैसे भी बहुत खर्च करते है l 

A, AB+ और AB- ग्रुपवालों को ब्लड दे सकते हैं l परन्तु A और O- से ब्लड ले सकते है l 

B+ ब्लड ग्रुप  

- इस ग्रुप के लोग इमोशनल होते हैंl 

- ये लोग दूसरों की मदद करने में पीछे नहीं हटते हैंl

यहाँ तक की दूसरों के लिए बलिदान भी दे सकते हैंl 
- रिश्तों को काफी अहमियत देते हैंl 

- ये लोग काफी खुबसूरत और स्मार्ट होते हैंl 

खामियां 

- बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है परन्तु यह क्षणिक होता हैl 

- पैसे बहुत खर्च करते हैं l

B और AB+ को ब्लड दे सकते हैंl परन्तु B, O+ और O- से ब्लड ले सकते हैंl

B-ब्लड ग्रुप

- ये लोग खुबसूरत और स्मार्ट होते हैंl 

- काफी मेहनती होते हैं और अपनी मेहनत से हर चीज पा लेते हैं।

खामियां 

- इस ब्लड ग्रुप के लोगों की प्रवृत्ति ठीक नहीं मानी जाती हैंl 

- ये लोग खुद के बारे में ही सोचते हैं, इसीलिए स्वार्थी होते हैंl

- इस ग्रुप के लोग किसी की सहायता करने में भी विश्वास नही रखते हैंl 

B, AB+ और AB- को ब्लड दे सकते हैंl B और O- से ब्लड ले सकते हैं l 

AB+ ब्लड ग्रुप

- इस ग्रुप के लोग जेंटलमेन और केयरिंग होते हैंl 

- आमतोर पर रिज़र्व रहते हैंl

- बुद्धिमान भी होते हैंl 

खामियां 

- इस ब्लड समूह वाले लोगों को आसानी से समझा नहीं जा सकता है, क्योंकि इनकी प्रकृति कभी एक जैसी नहीं होती हैl 

- अगर ये लोग किसी भी बात पर मन बना लेते है तो फिर बदलते नहीं हैl

इस ब्लड ग्रुप के लोगों को यूनिवर्सल रेसिपिएंट्स कहा जाता है, क्योंकि इन्हें किसी भी ग्रुप का ब्लड चढ़ाया जा सकता हैl ये AB+ को ही ब्लड दे सकते हैं l

AB- ब्लड ग्रुप  

- इस ग्रुप के लोग बहुत बुद्धिमान होते हैं और इनका दिमाग काफी तेज चलता हैl ये उन बातों को भी समझ जातें हैं जिन्हें लोग नज़रंदाज़ कर देते हैंl 

खामियां 

- इन लोगों के दोस्त बहुत होते हैं लेकिन ये जल्द किसी पर भरोसा नहीं करते हैंl 

- अगर ये कोई निर्णय लेते है तो बार-बार नहीं बदलते हैंl 

AB+ और AB- दोनों को ब्लड दे सकते है l A, B, AB और O- से ब्लड ले सकते हैं l  

इस लेख से हमें यह जानकारी मिलती है कि कैसे ब्लड ग्रुप लोगों के स्वभाव को प्रभावित करता हैं और हम विभिन्न व्यक्तियों के ब्लड ग्रुप को जानकर बिना देखे ही उनके स्वभाव के बारे में अंदाज़ा लगा सकते हैl इसके अलावा आपको यह भी जानकारी प्राप्त हो गई होगी कि किस ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को किस ब्लड ग्रुप का ब्लड चढ़ाया जा सकता है l